Mahalaya: महालया पर पितरों के तर्पण के लिए कोलकाता- हावड़ा में गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़

Pitru Paksha 2022 बंगाल में महालया का विशेष महत्व है। इस दिन बंगाली परिवार मां दुर्गा के आने का आह्वान करते हैं। बंगाल की दुर्गा पूजा देखते ही बनती है। वहीं पिछले साल दिसंबर में यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गा पूजा को विरासत सूची में शामिल किए है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Sep 2022 11:39 AM (IST) Updated:Sun, 25 Sep 2022 11:49 AM (IST)
Mahalaya: महालया पर पितरों के तर्पण के लिए कोलकाता- हावड़ा में गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
Pitru Paksha 2022: महालया पर रविवार को हावड़ा में हुगली नदी के किनारे पितरों को तर्पण अर्पित करते लोग।

जागरण संवाददाता, कोलकाता। महालया (सर्व पितृ अमावस्या) के अवसर पर पितरों के तर्पण के लिए रविवार को सुबह से ही राजधानी कोलकाता व हावड़ा के विभिन्न गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस अवसर पर हुगली (गंगा) नदी के किनारेघाटों और विभिन्न तलाबों के पास लोग अपने पितरों को तर्पण करते दिखे।

महालया के साथ श्राद्ध पक्ष खत्म

मान्यता है कि महालया के साथ श्राद्ध पक्ष खत्म होते हैं। इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हैं। दूर-दूर से लोग सुबह में ही गंगा में स्नान व अपने पितरों को तर्पण के लिए हावड़ा, कोलकाता व अन्य जिलों के विभिन्न गंगा घाटों पर पहुंचे थे।

तर्पण का सिलसिला दिनभर जारी रहा। वहीं, महालया के साथ बंगाल में दस दिवसीय दुर्गा पूजा का आरंभ हो गया। दरअसल महालया के दिन से ही देवी पक्ष की शुरुआत मानी जाती है। मान्यता है कि महालया के साथ जहां श्राद्ध पक्ष खत्म होते हैं‌। इसी दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन कर अगले 10 दिनों के लिए वास करती हैं। बंगाल में काफी धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाई जाती है।

सरकारी कार्यालयों में भी सरकारी छुट्टी

कोलकाता की दुर्गा पूजा पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से लोग यहां पूजा देखने पहुंचते हैं। इधर, महालया पर आज राज्य के सरकारी कार्यालयों में भी सरकारी छुट्टी है। हर साल राज्य में महालया पर सरकारी छुट्टी रहती है।

यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गा पूजा को विरासत सूची में शामिल

बता दें कि खासकर बंगाल में महालया का विशेष महत्व है। इस दिन बंगाली परिवार मां दुर्गा के आने का आह्वान करते हैं। बंगाल की दुर्गा पूजा देखते ही बनती है। वहीं, पिछले साल दिसंबर में यूनेस्को द्वारा कोलकाता की दुर्गा पूजा को विरासत सूची में शामिल किए जाने के बाद से इस बार राज्य में और बड़े स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है।

विभिन्न क्लबों द्वारा एक से बढ़कर एक थीम पर पंडाल बनाए गए हैं। पंडालों के उद्घाटन का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज भी हावड़ा व कोलकाता में कई पूजा पंडालों का एक साथ वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करेंगी। 

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