सीएम ममता बनर्जी की दो टूक, बंगाल में हर हाल में शुरू किया जाएगा 'दुआरे राशन' प्रकल्प

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में दो-टूक कहा कि इस प्रकल्प को बंगाल में हर हाल में शुरू किया जाएगा। उन्होंने राशन डीलरों को आगाह करते हुए कहा-मैं अकेले खाऊंगा और किसी को खाना नहीं दूंगा ऐसा नहीं चल सकता।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 24 Nov 2022 06:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Nov 2022 06:30 PM (IST)
सीएम ममता बनर्जी की दो टूक, बंगाल में हर हाल में शुरू किया जाएगा 'दुआरे राशन' प्रकल्प
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। 'दुआरे राशन' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में दो-टूक कहा कि इस प्रकल्प को बंगाल में हर हाल में शुरू किया जाएगा। उन्होंने राशन डीलरों को आगाह करते हुए कहा-'मैं अकेले खाऊंगा, और किसी को खाना नहीं दूंगा, ऐसा नहीं चल सकता।गौरतलब है कि ममता बनर्जी की अगुआइ वाली तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के विधानसभा चुनाव के समय आश्वासन देते हुए कहा था कि तीसरी बार सत्ता में आने पर 'दुआरे राशन' को शुरू किया जाएगा।

इस प्रकल्प के तहत राशन डीलरों को निर्धारित क्षेत्रों में राशन सामग्रियां पहुंचाने को कहा गया है। वहां से इसका वितरण किया जाएगा। पिछले साल 16 नवंबर से इसे शुरू किया गया था, हालांकि राशन डीलरों का एक वर्ग शुरू से ही इसका विरोध करता आ रहा है। वे इसे 'असंवैधानिक' बताते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंच गए। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। राज्य सरकार ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया। खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा।

राज्य सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट में अपील की है और मामला विचाराधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा-'यह प्रकल्प लोगों की सुविधा के लिए है। राशन डीलरों को 480 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया जा रहा है। सरकार पर इसे लेकर दबाव नहीं बनाया जा सकता। इस प्रकल्प के लिए जहां तक जाने की जरुरत होगी, सरकार जाएगी।' दूसरी तरफ आल इंडिया फेयर प्राइस शाप डीलर्स फेडरेशन के महासचिव विश्वंभर बसु ने कहा-'वह (ममता बनर्जी) राशन डीलरों को 'फेरीवाला' बनाना चाहती हैं। हम कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा जीत चुके हैं। राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुआरे राशन गैरकानूनी प्रकल्प है।'

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