विश्वभारती में दीवार तोड़ने की घटना की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने गठित की चार सदस्यीय कमेटी

अदालत का निर्देश-हाईकोर्ट के ही अधिवक्ता ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर दायर की थी याचिका। कमेटी में दो न्यायाधीश व महाधिवक्ता व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल शामिल।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 06:04 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 06:04 PM (IST)
विश्वभारती में दीवार तोड़ने की घटना की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने गठित की चार सदस्यीय कमेटी
विश्वभारती में दीवार तोड़ने की घटना की जांच के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने गठित की चार सदस्यीय कमेटी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के पौष मेला ग्राउंड में निर्माणाधीन दीवार तोड़ने की घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी में कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बंद्योपाध्याय, न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय, राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल शामिल हैं। 

अधिवक्ता ने की सीबीआइ जांच की मांग 

गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के ही रमाप्रसाद सरकार नामक अधिवक्ता ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने कमेटी गठित करने का निर्देश दिया।

17 अगस्त से दीवार के निर्माण का कार्य

गौरतलब है कि पौष मेला ग्राउंड में अनैतिक गतिविधियां रोकने के लिए विश्वभारती प्रबंधन ने वहां दीवार खड़ी करने का निर्णय लिया था। गत 17 अगस्त से दीवार के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, हालांकि कुछ लोगों ने आकर उसे तोड़ दिया। उन्होंने विश्वभारती परिसर में घुसकर तोड़फोड़ भी की।

मामले की निष्पक्ष व सही तरीके से जांच 

तोड़फोड़ का आरोप स्थानीय तृणमूल विधायक नरेश बाउड़ी व वीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अनुब्रत मंडल पर लगा है। रमाप्रसाद सरकार ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष और सही तरीके से जांच होनी चाहिए। 

सीआइएसएफ की तैनाती की जानी चाहिए

विश्वभारती परिसर की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ की तैनाती की जानी चाहिए। विश्वभारती प्रबंधन का कहना है कि पौष मेला ग्राउंड में शाम ढलने के बाद अनैतिक गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। इसी को रोकने के लिए उसे दीवार से घेरा जा रहा था।

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