बीएसएफ ने मालदा में बांग्लादेश सीमा के पास जाली नोटों के साथ एक तस्कर को दबोचा

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि जाली नोटों के कारोबार पर बीएसएफ द्वारा पूरी तरह शिकंजा कसे जाने के बाद हाल के कुछ महीनों में जाली नोटों की यह पहली बरामदगी है।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Thu, 07 Jan 2021 11:52 AM (IST) Updated:Thu, 07 Jan 2021 11:52 AM (IST)
बीएसएफ ने मालदा में बांग्लादेश सीमा के पास जाली नोटों के साथ एक तस्कर को दबोचा
भारत-बांग्लादेश सीमा के पास जाली नोटों के साथ गिरफ्तार तस्कर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के सीमावर्ती मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी के प्रयासों को नाकाम करते हुए 1.48 लाख रुपये मूल्य के जाली भारतीय नोटो के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। मालदा में बीएसएफ की सीमा चौकी शोवापुर इलाके से होकर बांग्लादेश से जाली नोटों की तस्करी की जा रही थी जिसे 78वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने नाकाम कर दिया।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि जाली नोटों के कारोबार पर बीएसएफ द्वारा पूरी तरह शिकंजा कसे जाने के बाद हाल के कुछ महीनों में जाली नोटों की यह पहली बरामदगी है।

गौरतलब है कि एक समय जाली नोटों की तस्करी के लिए मालदा पूरे देश में कुख्यात था और बांग्लादेश के रास्ते यहीं पर खेप पहुंचती थी और फिर पूरे देश में इसकी सप्लाई की जाती थी। लेकिन बीएसएफ ने निरंतर प्रयासों, कड़ी निगरानी व तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बदौलत इस धंधे पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया और पिछले साल 2020 में दक्षिण बंगाल बॉर्डर इलाके से जाली नोटों की तस्करी में अब तक की सर्वाधिक कमी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि जाली नोटों की तस्करी करते पकड़ा गया शख्स मामून शेख एक किसान है और वह अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) के पास अपने खेत में गया था। वह अपने खेत में काम कर लौट रहा था तभी 1.48 लाख के जाली नोटों के साथ पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया कि ‌कुछ पैसे के लालच में बांग्लादेशी तस्करों के झांसे में आकर वह यह काम किया। गुलेरिया ने बताया कि भारतीय क्षेत्र के भीतर 150 गज की दूरी पर बाड़ स्थित है और किसानों को आइबी तक आने-जाने की अनुमति है। इसी दौरान जब किसान खेती करने सीमा के पास जाते हैं तो कई बार बांग्लादेशी तस्कर उन्हें प्रलोभन देकर अवैध काम करने के लिए झांसे में ले लेते है।

ऐसे पकड़ में आया तस्कर

गुलेरिया ने बताया कि चार जनवरी को तस्करी की एक खुफिया सूचना मिलने पर सोवापुर बॉर्डर आउटपोस्ट के गेट पर तैनात जवानों ने सीमा रेखा के नजदीक खेती करने वाले किसानो पर कड़ी नजर रखनी शुरू की। दिन में लगभग 12 बजे एक शकिया व्यक्ति को खेती का काम कर वापस लौटने के दौरान रोक कर उसकी तलाशी ली गई तो कपड़े में छुपाए हुए 1,48,000 रुपये मूल्य के जाली नोटों के तीन बंडल बरामद हुए।

उसने अपना नाम मामून शेख बताया। वह मालदा के वैष्णवनगर थाना अंतर्गत पारबैदनाथपुर का ही रहने वाला है। उसने आगे खुलासा किया कि उसी दिन सुबह में उसकी फोन पर बांग्लादेश के तस्कर नयन शेख से बात हुई और दोनों ने बांग्लादेश से भारत में जाली नोटों की खेप की तस्करी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मिलने की सहमति व्यक्त की।

खेती करने के बहाने आइबी के पास गया था मामून

इसके बाद मामून खेती करने के बहाने आइबी के पास गया। उसने आइबी को पार किया और बांग्लादेशी तस्कर नयन शेख से मुलाकात की। नयन शेख ने मामून को जाली नोटों के तीन बंडल दिए, जिसमें 1,48,000 रुपये मूल्य के 500 के 296 पीस नोट शामिल थे। नयन शेख ने उसे बताया कि गांव के क्षेत्र में सफलता पूर्वक पहुंचने के बाद वह उसे फोन द्वारा भारत में एक तस्कर का नाम और पता भेज देगा, जिसे जाली मुद्रा सौंपने के बाद वह व्यक्ति उसे इस काम के लिए 2,000 रुपये देगा। लेकिन बीएसएफ ने उसे पकड़ लिया।

बीएसएफ ने जब्त जाली मुद्रा के साथ पकड़े गए व्यक्ति को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन शेमशरगंज को सौंप दिया है। इधर, 78वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विजय कुमार सिंह ने अपने जवानों की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की हैं, जिसके परिणामस्वरूप जाली भारतीय नोटों के साथ तस्कर को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर मौजूद उनके जवानों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सका है। 

chat bot
आपका साथी