तृणमूल कांग्रेस का भाजपा विरोध महज छलावा : सुजन चक्रवर्ती

माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती (Sujan Chakraborty) का कहना है कि भाजपा (BJP) द्वारा तृणमूल कांग्रेस (Trinmol Congress) का विरोध महज छलावा है। भाजपा अन्य विरोधियों में से तृणमूल कांग्रेस को अपने लाभ के लिए सहारा दे रही है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 04 Jul 2022 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 04 Jul 2022 08:00 AM (IST)
तृणमूल कांग्रेस का भाजपा विरोध महज छलावा : सुजन चक्रवर्ती
भाजपा द्वारा तृणमूल कांग्रेस का विरोध महज छलावा है

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने भाजपा की तृणमूल कांग्रेस से लड़ने की मंशा पर सवाल उठाते हुए रविवार को दावा किया कि भगवा खेमा अन्य विपक्षी दलों को किनारे लगाने के लिए ममता बनर्जी नीत पार्टी को प्रोत्साहित करता दिख रहा है।

चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा द्वारा तृणमूल कांग्रेस का विरोध महज छलावा है और यह इस बात से साबित होता है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ कोई भी मामला अपने मुकाम पर नहीं पहुंचा है। चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा अन्य विरोधियों में से तृणमूल कांग्रेस को अपने लाभ के लिए सहारा दे रही है।

गौरतलब है कि माकपा ने कई मौकों पर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आपसी समझ है क्योंकि वे वाम मोर्चे और अन्य दलों को दरकिनार करना चाहते हैं। चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि नारद टेप मामला हो या सारधा चिट फंड घोटाला, इनकी जांच में प्रगति नहीं हो रही जबकि कई साल पहले ही मामले को सीबीआइ को सौंपा गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच दुश्मनी महज छलावा है। चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से सवाल किया कि क्यों तस्करी के विभिन्न मामलों सहित ये मामले किसी मुकाम पर नहीं पहुंच रहे हैं?

दूसरी ओर बंगाल में वामपंथी दल माकपा ने वाममोर्चा का गठन कर लगातार 34 वर्षों तक शासन किया लेकिन 2011 से शुरू हार का सिलसिला अभी भी जारी है। कभी बंगाल में राज करने वाले वामपंथी दलों का अब राज्य से न तो कोई लोकसभा सदस्य है और न ही विधानसभा में ही कोई प्रतिनिधि है। 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल पूरी तरह से हाशिए पर चले गए थे और भाजपा मुख्य विरोधी दल के रूप में उभरी लेकिन नगर निकायों के चुनाव से वाममोर्चा ने वापसी की कोशिश शुरू की है।

नगरपालिकाओं के चुनाव में माकपा ने कई वार्डों में भाजपा को पीछे धकेल कर दूसरा स्थान हासिल किया और अब वामपंथी दलों ने पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को शिकस्त देने की रणनीति तैयार की है। वामपंथियों ने हाल में हुए कई विधानसभा उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है। बंगाल की राजनीति में खोई जमीन वापस पाने के लिए उन्हें पंचायत चुनाव में सफलता हासिल कर संगठन की ताकत बढ़ानी होगी।

माकपा ने पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के 24 उत्तर जिले के नेताओं के साथ राज्य और केंद्रीय स्तर के माकपा नेताओं ने बैठक की। पंचायत चुनाव में पार्टी नेताओं की क्या भूमिका होगी, उम्मीदवारों के चयन में कौन से अहम मुद्दे होंगे, राज्य नेतृत्व ने इसका खाका तैयार कर लिया है। पंचायत चुनाव से पहले कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

पंचायत चुनाव में पार्टी के युवाओं की क्या भूमिका होगी, इसे लेकर माकपा के पोलितब्यूरो सदस्य सूर्यकांत मिश्रा 23 जुलाई को कोलकाता के मौलाली युवा केंद्र में बैठक करेंगे। इसी तरह की बैठक उत्तर बंगाल के लिए 31 जुलाई को न्यू जलपाईगुड़ी में होगी। माकपा राज्य नेतृत्व में बदलाव कर चुकी है। पोलितब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम को राज्य सचिव बनाया गया है।

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