बंगाल को मुंगेर क्यों बनाना चाहते हैं हथियार तस्कर

पिछले 17 सालों में बिहार पुलिस व बिहार एसटीएफ की कड़ी कार्रवाई से मुंगेर के हथियार तस्करों के पैरों तले से जमीन खिसक चुकी है। अब मुंगेर की जमीन तस्करों के लिए महफूज नहीं रही।

By Edited By: Publish:Tue, 25 Dec 2018 02:47 AM (IST) Updated:Tue, 25 Dec 2018 10:30 AM (IST)
बंगाल को मुंगेर क्यों बनाना चाहते हैं हथियार तस्कर
बंगाल को मुंगेर क्यों बनाना चाहते हैं हथियार तस्कर

हावड़ा, ओमप्रकाश सिंह। पिछले 17 सालों में बिहार पुलिस व बिहार एसटीएफ की कड़ी कार्रवाई से मुंगेर के हथियार तस्करों के पैरों तले से जमीन खिसक चुकी है। अब मुंगेर की जमीन तस्करों के लिए महफूज नहीं रही। यही कारण है कि वे अवैध हथियार के कारखाना को देश के अलग-अलग राज्यों में चलाने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार की सीमा से जुड़े बंगाल के जिले हथियार तस्करों के लिए पनाहगार बनते जा रहे हैं।

इन्हीं इलाके में रहकर वे अवैध हथियार बनाने का कारखाना चलाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पुलिस व लोगो की सक्रियता से वे पकड़े भी जा रहे हैं। हावड़ा के टिकियापाड़ा स्थित 74 गंगाराम बैरागी लेन में हथियार कारखना के खुलासा के साथ मुंगेर के तीन आरोपितों का पकड़ा जाना कोई नई घटना नहीं है।

मुंगेर के हथियार तस्कर को नये प्रदेश की जरुरत है, जहां वे अपने अवैध हथियार के धंधे को चला सके। इससे पहले भी बंगाल के मालदह जिला अंतर्गत नालडूबी में दस हथियार तस्कर गिरफ्तार किये गये थे,जो मुंगेर के रहने वाले थे। मुंगेर जिले की पुलिस ने स्थानीय काशिम बाजार में छापामार कर एक अवैध कारखाना का पर्दाफास कर 450 हथियार जब्त कर कुछ तस्करों को भी गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार आरोपितों की निशानदेही पर मुंगेर की पुलिस ने 2 मार्च 2014 को हावड़ा के दासनगर थानांतर्गत जेलिया पाड़ा के एक मकान में छापामार कर 1500 रिवाल्वर जब्त किया था। इसी वर्ष 7 सितंबर को पुलिस ने हथियार के अवैध कारखाना का भंडाफोड़ कर मुंगेर के तस्करों को मौके से गिरफ्तार किया। 6 अक्टूबर को मालदह जिले के कालियाचक और मोथाबारी थानांतर्गत के एक ग्रिल के कारखाना की आड़ में चले रहे अवैध ढंग से चलाये जा रहे हथियार कारखाना का पर्दाफाश पुलिस ने किया। इस कांड में गिरफ्तार 10 आरोपित मुंगेर के ही थे। कुछ माह पहले दक्षिण 24 परगना जिले के रवींद्रनगर में लेथ कारखाना की आड़ में चल रहे कारखाना का खुलासा पुलिस ने किया।

इतनी धर पकड़ के बावजूद मुंगेर के हथियार तस्कर बंगाल को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे बंगाल में रहकर देश के अन्य राज्यों में निर्मित हथियारों का तस्करी करने कर सोच रहें हैं। इनके द्वारा माओवादियों को भी हथियार आपूर्ति करने का मामला सामने आ चुका है। बंगाल को मुंगेर बनाना क्यों चाहते हैं हथियार तस्कर लंबे अरसे से मुंगेर में फल फूल रहे अवैध हथियार के कारखाना को बिहार प्रशासन का ग्रहण लग चुका है। बिहार पुलिस व बिहार एसटीएफ द्वारा चलाई जा रही कार्रवाई ने तस्करों की कमर को तोड़ कर रख दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2017 तक लगातार कार्रवाई चलाकर बिहार एसटीएफ ने जहां हथियार के अवैध 599 कारखाना को बंद कर दिया है, वहीं 41,333 निर्मित हथियार व करीब 2 लाख 30 हजार जीवित कारतूस जब्त किया है। इतनी भारी तादाद में हथियारों को जब्त करने व कारखाना के बंद कर देने से तस्करों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

लेकिन इस पेशे में आये युवक और लोग किसी दूसरे धंधे में लौटना नहीं चाहते हैं। यहीं कारण है कि अब वे बंगाल को मुंगेर बनाने के प्रयास में जुटे हैं। इसके बावजूद उन्हें विशेष सफलता नहीं मिल रही है। गौरतलब है कि हावड़ा के टिकियापाड़ा में पिछले दो साल में दो बार हथियार कारखाना का खुलासा पुलिस द्वारा किया जा चुका है।

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