Bengal Assembly Elections 2021: भाजपा के इन पांच महारथियों पर है बंगाल फतह का दारोमदार

भगवा ने पूरे राज्य को पांच जोन में बांटने के बाद हर जोन की जिम्मेदारी पार्टी के एक-एक केंद्रीय नेता को दे दी है जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही सभी केंद्रीय नेताओं ने जमीनी स्तर पर लोगों की नब्ज टटोलने की शुरुआत भी कर दी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 20 Nov 2020 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 20 Nov 2020 11:02 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: भाजपा के इन पांच महारथियों पर है बंगाल फतह का दारोमदार
भाजपा क्षेत्र आधारित जीत की रणनीति बनाने के लिए पिछली सफलताओं से अपने अनुभव का उपयोग करना चाहती है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भाजपा ने बंगाल फतह के लिए जमीन तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। इस कड़ी में भगवा ने पूरे राज्य को पांच जोन में बांटने के बाद हर जोन की जिम्मेदारी पार्टी के एक-एक केंद्रीय नेता को दे दी है। कोलकाता जोन का प्रभार दुष्यंत कुमार गौतम को दिया गया है जबकि मेदिनीपुर जोन के प्रभारी सुनील देवधर होंगे। इसी प्रकार राड़ बंग जोन का प्रभार विनोद सोनकर के पास है, वहीं नवद्वीप जोन का प्रभार विनोद तावड़े संभालेंगे और उत्तर बंग जोन के प्रभारी में हरिश द्विवेदी होंगे। जिम्मेदारी मिलने के बाद से ही सभी केंद्रीय नेताओं ने जमीनी स्तर पर लोगों की नब्ज टटोलने की शुरुआत भी कर दी है।

बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में बंगाल में 200 से अधिक सीट हासिल करने का लक्ष्य दिया है। इसे हासिल करने के लिए भाजपा ने चुनावी मंथन शुरू कर दिया है। चुनाव के दौरान कम से कम 50 केंद्रीय स्तर के नेता बंगाल आएंगे। ये वे नेता होंगे, जिन्होंने विभिन्न राज्यों में सत्ता को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई हैं। सूत्रों के अनुसार, उन सभी जिलों में जहां अधिक सीटें जीतने की संभावना है, जिम्मेदारी एक केंद्रीय नेता के हाथों में होगी। भाजपा क्षेत्र आधारित जीत की रणनीति बनाने के लिए पिछली सफलताओं से अपने अनुभव का उपयोग करना चाहती है।

बंगाल फतह के लिए भाजपा के ट्रंप कार्ड हैं सुनील देवधर

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर बंगाल फतह के लिए भाजपा के ट्रंप कार्ड हैं। वह बंगाल के लिए अहम साबित हो सकते हैं। त्रिपुरा में भाजपा की अप्रत्याशित जीत का सेहरा इन्हीं के सिर बंधा था। भाजपा के जल-हवा से वनस्पति बने देवधर मराठी होने के बावजूद फर्राटेदार बांग्ला बोलते हैं। वह बांग्ला भाषियों के साथ तुरंत घुलमिल जाने वाले शख्स हैं। हालांकि वह बंगाल के लिए नए नहीं हैं। त्रिपुरा में पर्यवेक्षक के रूप में काम करते हुए उन्होंने कोलकाता से पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान काम किया था। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में सुनील देवधर वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रमुख सिपहासलार थे। सुनील देवधर को हावड़ा-हुगली व मेदिनीपुर जोन का प्रभार मिला है। उन्हें ही आंध्र प्रदेश का पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने बंगाल के लिए खास रणनीति तैयार की है।

सार्थक परिणाम पर आधारित रही है विनोद तावड़े की राजनीति

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र सरकार में दमदार मंत्री व कद्दावर नेता रहे। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के करीबी हैं। तावड़े की कार्यप्रणाली को जानने वाले बतातें है कि सार्थक परिणाम पर आधारित उनकी राजनीति रही है। विनोद तावड़े भाजपा के प्रदेश संगठन की गतिविधियों को सुचारू करने में अपने अनुभवों का लाभ दे सकते हैं। एबीवीपी में लंबे अनुभव, नेता प्रतिपक्ष, मंत्री के रूप में राजनैतिक अनुभवों का लाभ निसंदेह मिलेगा। विनोद तावड़े को नवद्वीप जोन का प्रभार मिला है।

हरीश द्विवेदी को दिया गया उत्तर बंग जोन का दायित्व

उत्तर प्रदेश के बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हैं। वह उत्तर प्रदेश यूनिट के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं। केंद्रीय नेता हरीश द्विवेदी को उत्तर बंग जोन का दायित्व दिया गया है।

मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत में दुष्यंत गौतम की थी अहम भूमिका

दुष्यंत कुमार गौतम मौजूदा समय में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर हैं। वे भाजपा संगठन के अलग-अलग पदों पर रह चुके हैं। वे दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। पढ़ते वक्त छात्र राजनीति में सक्रिय रहे और एबीवीपी के सदस्य बने। पढ़ाई खत्म कर वे एवीबीपी के मंडल अध्यक्ष बने। वे तीन बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष बने। मध्य प्रदेश में भाजपा की सफलता में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी। दुष्यंत कुमार गौतम को कोलकाता जोन का प्रभार मिला है।

देश के कोने-कोने में पार्टी का प्रचार करते रहे हैं सोनकर

सांसद विनोद सोनकर व्यापारिक घराने से ताल्लुक रखते हैं। वर्ष 2014 में ही उनको लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और वह लोकसभा पहुंचने में कामयाब रहे। विनोद सोनकर को भाजपा ने दलित नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है। इसके बाद से वह लगातार देश के कोने-कोने में पार्टी का प्रचार करते रहे हैं। पिछले वर्ष हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सांसद को स्टार प्रचारक बनाया था। भाजपा ने उन्हें लोकसभा की अनुशासनात्मक समिति का चेयरमैन बनाया है। त्रिपुरा पर्यवेक्षक विनोद सोनकर राड़ बंग की जिम्मेदारी दी गई है। वे उत्तर प्रदेश में चुनाव का प्रबंधन करते रहे हैं।

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