अमित शाह एक अक्टूबर को कोलकाता आ रहे, एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल पर रखेंगे अपनी बात

Amit Sah Kolkata केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दुर्गापूजा के ठीक पहले कोलकाता आ रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 24 Sep 2019 01:44 PM (IST) Updated:Tue, 24 Sep 2019 02:20 PM (IST)
अमित शाह एक अक्टूबर को कोलकाता आ रहे, एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल पर रखेंगे अपनी बात
अमित शाह एक अक्टूबर को कोलकाता आ रहे, एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल पर रखेंगे अपनी बात

कोलकाता, जागरण संवाददाता। केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दुर्गापूजा के ठीक पहले कोलकाता आ रहे हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार शाह एक अक्टूबर को नेताजी इंडोर स्टेडियम में सभा करेंगे। वे  पहले बार इंडोर स्टेडियम में सभा करने जा रहे हैं। कोलकाता नेताजी इंडोर स्टेडियम में देंगे संबोधन, एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल पर रखेंगे अपनी बात।

पार्टी की तरफ से पहले ही बताया गया था कि अमित शाह इस बार दुर्गापूजा के दौरान कोलकाता में रहेंगे। उनके द्वारा कई दुर्गापूजा मंडपों का उद्घाटन की बात है। बताया गया है कि राज्य सरकार ने इस बार नेताजी इंडोर स्टेडियम में सभा की अनुमति भी दे दी है। प्रदेश भाजपा की ओर से नेताजी इंडोर स्टेडियम में अमित शाह की सभा की अनुमति देने का आवेदन किया गया था। इस पर राज्य सरकार ने एक बार के आवेदन में भी शाह की सभा की अनुमति दे दी है। गौर हो कि इसके पहले इसी इंडोर में भाजपा ने अमित शाह की सभा के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इन्कार कर दिया गया था।

लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा की कई सभाओं को राज्य सरकार ने विभिन्न कारण बताकर अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। कभी कानून-व्यवस्था, कभी उस स्थान पर पहले से कार्यक्रम तय होने का कारण बताकर भाजपा की सभाएं रोकी गई थी। चुनाव प्रचार के लिए अमित शाह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकाप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी। भाजपा का आरोप था कि राज्य में उसके विस्तार को रोकने के लिए ममता सरकार उनकी सभाओं को अनुमति नहीं दे रही है। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद परिस्थितियां बदली हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रूख भी नरम दिख रहा है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उसके बाद ही उन्होंने शाह की सभा की अनुमति भी दे डाली है। विपक्षी दलों का कहना है कि सारधा कांड में सीबीआइ से खुद एवं परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए ममता बनर्जी भाजपा के साथ तालमेल बैठाकर चलना चाहती हैं। पीएम मोदी एवं गृहमंत्री शाह से मुलाकात भाजपा के साथ तालमेल का उदाहरण बताया जा रहा है।
एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल पर रखेंगे अपनी बात

असम में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) पर मचे बवाल के बाद अब पश्चिम बंगाल में इसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार में तना-तनी चल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से इसके विरोध में डटी हुई है, वहीं केंद्र की भाजपा सरकार हर हाल में इसे पश्चिम बंगाल में लागू करना चाह रही है। इस अहम मुद्दे को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अगले हफ्ते पश्चिम बंगाल पहुंचेंगे। शाह एक अक्टूबर को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल पर लोगों को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने कश्मीर, अनुच्छेद 370 और धारा 35ए पर महाराष्ट्र के मुंबई में संबोधित किया था। 

मालूम हो किे पिछले हफ्ते दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे पर आईं ममता ने बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद वह गृहमंत्री शाह से भी मिली थीं। दोनों के बीच एनआरसी को लेकर गंभीर चर्चा हुई थी। उन्होंने शाह से एनआरसी में छूटे लोगों को एक और मौका देने का आग्रह किया था। दिल्ली से लौटने के बाद ममता जब सोमवार को व्यापार संघों की बैठक को संबोधित कर रही थीं तो अपने भाषण में वह भाजपा पर हमलावर दिखी थीं। उन्होंने कहा था कि एनआरसी को लेकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। इस वजह से राज्य में छह लोगों की मौत होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा था कि वह राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।

ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी बंगाल या देश के किसी भी हिस्से में नहीं होगा। असम में तो यह असम समझौते की वजह से हुआ। साल 1985 में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के बीच यह समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि बंगाल में प्रदेश के लोग मुझ पर भरोसा रखें, यहां एनआरसी को कभी मंजूरी नहीं मिलेगी। असम में हाल ही में प्रकाशित अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में 19 लाख से ज्यादा लोगों के नाम नहीं हैं, जिसमें 12 लाख हिंदू शामिल हैं। इनमें भी बड़ी संख्या आदिवासियों की है, जिसे असम का मूल निवासी माना जाता है।

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