बंगाल सरकार ने दिया 'कुरुख' भाषा को आधिकारिक दर्जा

जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य सरकार ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 'कुरुख' भाषा को

By Edited By: Publish:Wed, 22 Feb 2017 01:05 AM (IST) Updated:Wed, 22 Feb 2017 01:05 AM (IST)
बंगाल सरकार ने दिया 'कुरुख' भाषा को आधिकारिक दर्जा
बंगाल सरकार ने दिया 'कुरुख' भाषा को आधिकारिक दर्जा

जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य सरकार ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 'कुरुख' भाषा को आधिकारिक दर्जा प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देशप्रिय पार्क में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कुरुख को सरकारी मान्यता प्रदान करने का इससे अच्छा दिन भला और क्या हो सकता था। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों में बोली जाने वाली राजवंशी/कामतापुरी भाषा को भी जल्द आधिकारिक दर्जा दिए जाने की बात कही। इस बाबत एक कमेटी गठित की गई है, जो इसकी स्क्रिप्ट तैयार करेगी।

गौरतलब है कि कुरुख भाषा बोलने वाले करीब 16 लाख उरांव लोग बंगाल में रहते हैं। यूनेस्को की सूची में इसे लुप्तप्राय: भाषा के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है।

इस दिन मुख्यमंत्री ने राज्य के एक वर्ग विशेष के बांग्ला भाषा के प्रति उदासीनता का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा-'हम कभी-कभी बांग्ला में बात करना भूल जाते हैं। हमें सभी भाषाओं को सीखना होगा, फिर बांग्ला क्यों नहीं? अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अंग्रेजी सिखाई जानी चाहिए लेकिन साथ में बांग्ला भी सिखाया जाना चाहिए। सभी भाषाएं एक समान हैं। मातृभाषा विचार व्यक्त करने का माध्यम होना चाहिए। मैं अपने भाइयों के खून से सनी 21 फरवरी को कैसे भूल सकती हूं!' मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपनी लिखी एक कविता भी सुनाई।

गौरतलब है कि 1948 में पाकिस्तान ने पश्चिम और पूर्वी पाकिस्तान में उर्दू को आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया था। आज का बांग्लादेश उस समय पूर्वी पाकिस्तान था। वहां बंगाली बहुसंख्यक थे। इस घोषणा के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लाभाषियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। 21 फरवरी, 1952 को प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में कई लोग मारे गए थे। आखिरकार पाकिस्तान सरकार को बांग्ला भाषा को भी समान दर्जा देने की घोषणा करनी पड़ी थी। इसके बाद से ही प्रतिवर्ष इस दिन को 'भाषा शहीदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। वहीं, 1999 में यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया था।

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