बांग्लादेश सीमा से BSF ने 4 माह में 1 लाख बोतल फेंसिडिल, 870 किलो गांजा व 28 हजार याबा टैबलेट पकड़े

वहीं 54 फेंसिडिल तस्करों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें 48 भारतीय व 6 बांग्लादेशी है।‌ इस अवधि में 870 किलो गांजा जब्त करने के साथ 16 गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 19 May 2020 07:48 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 08:47 PM (IST)
बांग्लादेश सीमा से BSF ने 4 माह में 1 लाख बोतल फेंसिडिल, 870 किलो गांजा व 28 हजार याबा टैबलेट पकड़े
बांग्लादेश सीमा से BSF ने 4 माह में 1 लाख बोतल फेंसिडिल, 870 किलो गांजा व 28 हजार याबा टैबलेट पकड़े

राजीव कुमार झा, कोलकाता : कोरोना संकट के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल में भारत बांग्लादेश- सीमा इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ़ लगातार अभियान चलाकर इस पर भी नकेल कस दिया है। बीएसएफ जवानों ने तस्करों के मंसूबे नाकाम करते हुए इस साल जनवरी से लेकर 17 मई के बीच बीते साढे 4 महीने में बंगाल के सीमावर्ती जिलों से एक लाख से ज्यादा फेंसिडिल की बोतलें, 870 किलो गांजा, 28,000 याबा टैबलेट (एक प्रकार का ड्रग्स) सहित अन्य नशीली पदार्थों को जब्त करने में सफलता हासिल की है, जब उसे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के विभिन्न स्थानों से बांग्लादेश में तस्करी का प्रयास किया जा रहा था। 

इस सिलसिले में बीएसएफ ने 78 मादक तस्करों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें 10 बांग्लादेशी है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि पिछले करीब 2 महीने से जारी लॉकडाउन के दौरान भी तमाम चुनौतियों का सामना व सीमावर्ती इलाके के लोगों की कोरोना से रक्षा व उनकी विभिन्न प्रकार की सहायता करते हुए बीएसएफ जवानों ने नशीली पदार्थों की दर्जनों तस्करी की घटनाओं को नाकाम किया है। उन्होंने बताया कि ट्रांस बॉर्डर अपराधों के लिए अत्यधिक संवेदनशील दक्षिण बंगाल सीमांत इलाके से होकर तस्करी कराने के लिए मादक तस्कर तमाम हथकंडे अपना रहे हैं लेकिन पूरी तरह सतर्क व मुस्तैद हमारे जवान उनकी हर चाल को विफल कर रहे हैं। 

गुलेरिया ने बताया, बीएसएफ द्वारा लगातार चलाए जाने वाले अभियान व सख्ती की वजह से तस्करों ने तस्करी का तरीका भी बदला। तस्करों ने हर बार नया से नया तरीका जैसे कभी गैस सिलेंडर के अंदर, कभी कद्दू के अंदर, कभी केले के थम के अंदर तो कभी खिचड़ी के पतीला में फेंसिडिल की बोतलें छिपाकर तस्करी की कोशिश की लेकिन वे हमारे जवानों की निगाह से नहीं बच पाए और उनके आजमाए गए सभी हथकंडों को विफल कर दिया गया। ये सभी घटनाएं हाल में लॉकडाउन के दौरान पकड़ी गई। उन्होंने बताया कि दक्षिण बंगाल सीमांत इलाके से इस साल 17 मई तक फेंसिडिल की 1,02,760 बोतलें पकड़ी जा चुकी है जिसका मूल्य करीब 1.58 करोड रुपये है। 

 वहीं 54 फेंसिडिल तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 48 भारतीय व 6 बांग्लादेशी है।‌ इस अवधि में 870 किलो गांजा जब्त करने के साथ 16 गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार गांजा तस्करों में 13 भारतीय और 3 बांग्लादेशी है। इसके साथ इस साल 27,920 याबा टैबलेट जब्त किया गया है और इस सिलसिले में 6 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। जब्त याबा टैबलेट का मूल्य करीब 1.39 करोड़ रुपये है। इसके अलावा हेरोइन, ब्राउन शुगर, ब्लैकिस पाउडर आदि की भी कुछ छोटी-मोटी खेप पकड़ी गई है।

उन्होंने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी खासकर सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले प्रतिबंधित कफ सिरप फेंसिडिल व याबा टैबलेट की तस्करी करने वालों के खिलाफ नकेल कसने में लगातार कामयाबी मिली है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने पिछले साल 2019 में भी करीब दो लाख फेंसिडिल की बोतलें, 42,000 याबा टैबलेट व 1015 किलो गांजा जब्त किया था। 

 पशु तस्करी की तरह मादक तस्करी पर भी पूरी तरह रोक लगा कर ही दम लेगी बीएसएफ

 

डीआइजी गुलेरिया ने बताया कि इस बॉर्डर इलाके से सबसे भयावह पशु तस्करी पर बीएसएफ द्वारा निरंतर प्रयासों से लगभग 6 महीने पहले ही पूरी तरह अंकुश लगाया जा चुका है। वहीं, कोविड-19 महामारी की वजह से जब से लॉकडाउन लगाया गया है तब से रेल यातायात तथा परिवहन की आवाजाही रुकने के कारण बड़े स्केल पर फेंसिडिल, गांजा, सोना, मछली के बीज इत्यादि की तस्करी बहुत कम हुई है। उनके मुताबिक इस समय तस्कर फेंसिडिल, गांजा, याबा टैबलेट इत्यादि की छोटी- मोटी तस्करी जो इनके पास पुराना स्टॉक बचा है उसी की तस्करी करने का प्रयास करते हैं। डीआइजी ने कहा कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक योगेश बहादुर खुरानिया (आइपीएस) के नेतृत्व में पूरे फ्रंटियर के सीमा प्रहरी सीमा की सुरक्षा के साथ ट्रांस बॉर्डर अपराधों पर लगाम लगाने, सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सहायता करने व उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करने आदि के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि तस्कर चाहे कोई भी तरीका अपना ले आगे भी उनके मंसूबों को हमारे जवान कामयाब नहीं होने देंगे।

दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रहरी पशु व जाली नोटों के तस्करों की तरह मादक पदार्थों के तस्करों की भी पूरी तरह कमर तोड़ कर ही दम लेंगे। बता दें कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर पर बंगाल के पांच सीमावर्ती जिले- उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद से लगने वाली बांग्लादेश की करीब 1,000 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रखवाली का दायित्व है। यह बॉर्डर दुनिया के कठिनतम बॉर्डरों में से एक है।

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