सीएम की सभा के छह दिन बाद भी साफ नहीं हुआ मैदान

- गंदगी से परिवेशप्रेमी संगठन के सदस्यों में नाराजगी, जल्द साफ नहीं होने पर आंदोलन की चेतावन

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Nov 2018 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 06 Nov 2018 04:21 PM (IST)
सीएम की सभा के छह दिन बाद भी साफ नहीं हुआ मैदान
सीएम की सभा के छह दिन बाद भी साफ नहीं हुआ मैदान

- गंदगी से परिवेशप्रेमी संगठन के सदस्यों में नाराजगी, जल्द साफ नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी संवाद सूत्र, नागराकाटा: मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के छह दिन बीत जाने के बाद भी उस मैदान की हालत जस की तस बनी हुई है। अभी तक मैदान को साफ नहीं किया गया है। चारों तरफ सिर्फ प्लास्टिक, थर्मोकॉल के पत्ते, व कागज की गंदगी ही फैली हुई है। इस का परिवेशप्रेमियों में नाराजगी देखी जा रही है। गत 31 अक्टूबर को चालसा के खरिया बंदर जंगल से सटे टियावन मैदान में सरकारी कार्यक्रम व जनसभा का आयोजन किया गया था। सभा के बाद पंडाल भले ही खोल दिया गया हो लेकिन गंदगी साफ करने के लिए कोई आगे नहीं आया। मैदान के पास ही खरिया बंदर का संरक्षित जंगल है। ये स्थान पालतू पशुओं के विचरण का स्थान माना जाता है। वर्तमान समय में मैदान साफ नहीं होने से आसपास के लोगों के अलावा वन कर्मियों को भी परेशानी हो रही है। अगर पशुओं के पेट में प्लास्टिक, थर्मोकॉल व अन्य गंदी सामग्री जाती है तो समस्या हो सकती है।

परिवेशप्रेमी संगठन के सदस्य सुमन चौधरी ने कहा कि यहां सरकारी तौर पर प्लास्टिक, थर्मोकॉल बंद कराने के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन वर्तमान समय में मुख्यमंत्री की सभा के छह दिन बीत जाने के बाद भी मैदान प्लास्टिक व थर्मोकॉल से भरा पड़ा है। इतना ही मैदान में शराब की बोतलें भी टूटी पड़ी है। इस बारे में मेटली बीडीओ को मौखिक रूप से बताया गया है। अगर जल्द गंदगी की सफाई नहीं की गई तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

चालसा के रेंजर पल्लव मुखर्जी ने कहा कि खरिया बंदर के संरक्षित इलाके से गंदगी की सफाई की जा चुकी है। सभा स्थल संरक्षित इलाकों में पड़ता है। इसके बावजूद मैदान की सफाई के लिए ब्लॉक प्रशासन के पास आवेदन किया जाएगा।

मेटली के बीडीओ सुमा बड़ाल ने कहा कि शिकायतकर्ता से स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान से बात करने सलाह दी गई है। चालसा के मटियाली बाताबाड़ी 1 नंबर ग्राम पंचायत के प्रधान दीपक भूजेल ने कहा कि सीएम का कार्यक्रम एक प्रशासनिक कार्यक्रम था। किसने गंदगी फैलाई है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल इस बारे में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

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