लॉकडाउन के कारण दक्षिण बंगाल के हजारों श्रमिक फंसे

कैचवर्ड विपदा -दक्षिण चौबीस परगना के सुंदरवन काकद्वीप नरेंद्रपुर कुलतुली रायदिघी पाथर प्र

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Apr 2020 08:16 PM (IST) Updated:Fri, 10 Apr 2020 06:20 AM (IST)
लॉकडाउन के कारण दक्षिण बंगाल के हजारों श्रमिक फंसे
लॉकडाउन के कारण दक्षिण बंगाल के हजारों श्रमिक फंसे

कैचवर्ड : विपदा

-दक्षिण चौबीस परगना के सुंदरवन, काकद्वीप, नरेंद्रपुर, कुलतुली, रायदिघी, पाथर प्रतिमा आदि क्षेत्रों से कुशल श्रमिक जलपाईगुड़ी के हिम घर में काम करने के लिए आते है

-विपत्ति के समय परिवार से दूर रहने के कारण परेशान है श्रमिक, प्रशासन को दी आत्महत्या की धमकी

-जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार में है 40 हिम घर

जागरण संवाददाता,जलपाईगुड़ी : लॉक डाउन के कारण हजारों श्रमिक फंसे हुए है। दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों से कुशल श्रमिक उत्तर बंगाल के हिम घर में काम करने के लिए आते है। लेकिन लॉक डाउन के कारण हजारों श्रमिक अपने घर नहीं जा सके। परिवार से दूर रहकर धैर्य का बांध टूटने लगा है। श्रमिकों ने प्रशासन को धमकी दी है कि यदि वें अपने घर नहीं जा पाएं, तो आत्महत्या कर लेंगे। कई श्रमिक अस्वस्थ्य भी हो गए है। उल्लेखनीय है कि इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में कई हजार श्रमिक दक्षिण बंगाल के चौबीस परगना जिला के सुंदरवन, काकद्वीप, नरेंद्रपुर, कुलतुली रायदिघी, पाथर प्रतिमा सहित मुर्शिदाबाद आदि जगहों से रोजी-रोटी के लिए उत्तर बंगाल आएं हुए थें। लेकिन अब वें अपने घर नहीं जा पा रहें हैं। बतादें कि उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वारी, कूचबिहार में 40 हिमघर है। हिम घर में कच्ची सब्जी रखने का वें कार्य करते है। श्रमिक आलू के खेत से आलू उठाकर हिमघर में सावधानी से रखते है। इसके लिए कुशल श्रमिकों की जरूरत होती है। हिमघर में आलू रखना व निकालना काफी कष्टप्रद कार्य है।

सुंदरवन से आए श्रमिक सुधांशु भुईयां ने अपना दुख बयां करते हुए कहा कि इस माहामरी के दौरान परिवार के लोग कैसे व किस हाल में होंगे, ये सोचकर काफी दुख होता है। घर में उनका देखभाल के लिए कोई और नहीं है। घर की महिलाएं किस तरह करती होंगी, सोचकर मन सिहर जा रहा है। ऐसा ही दुखरा अन्य श्रमिकों का भी है। घर से सुखद समाचार न पाकर कई श्रमिक मानसिक रूप से परेशान हो गए है। चिंता के कारण कई बीमार हो गए है। हम मुख्यमंत्री तक अपनी बात रखना चाहते हैं कि वें इस संकट की घड़ी में हमारी मदद करें।

जलपाईगुड़ी हिमघर एसोसिएशन के सदस्य ओम प्रकाश खरिया ने बताया कि उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार व कूचबिहार से करीब पांच हजार श्रमिक बाहर के है। मार्च के पहले सप्ताह में वें आ गए थें। हिमघर में आलू रखने का काम पूरा हो चुका है। लेकिन 23 मार्च को लॉकडाउन होने के कारण वें अपने घर नहीं लौट पाएं। ये श्रमिक हिमघर चेंबर में लॉडिंग व ऑन लॉडिंग का कार्य अच्छे से करते है। हिमघरों में छह लाख पैकेट आलू रखा जाता है। एक पैकेट में करीब 50 किलो आलू रहता है। श्रमिक इसके बाद मई माह में आते है।

कैप्शन : हिमघर के बाहर खड़े श्रमिक

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