ट्रेन की चपेट में आई हथिनी व उसका शावक

By Edited By: Publish:Tue, 01 Jul 2014 08:10 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jul 2014 08:10 PM (IST)
ट्रेन की चपेट में आई हथिनी व उसका शावक

संवाद सूत्र, अलीपुरद्वार : डुवार्स के संरक्षित वनांचल में एक बार फिर रेलवे विभाग और वन विभाग के बीच समन्वय के अभाव में दो हाथियों की जान चली गई। सोमवार की देर रात को यह हादसा कालचीनी प्रखंड अंतर्गत मधु चाय बागान क्षेत्र में हुआ जब न्यू जलपाईगुड़ी से न्यू बंगाईगांव जा रही स्पेशल मिलिट्री ट्रेन की चपेट में आकर इन दोनों वन्य प्राणियों की मौत हो गई। यह टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि ट्रेन के इंजन समेत दो बोगी पटरी से नीचे उतर गई। हालांकि इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। घटना के चलते सोमवार की देर रात से लेकर मंगलवार सारे दिन रेलमार्ग पर यातायात बाधित रही। राज्य वन विभाग के पक्ष से रेलवे प्रशासन के खिलाफ नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आरोप है कि रेलगाड़ी के चालक ने संरक्षित वनांचल में धीमी गति से ट्रेनों के परिचालन की शर्तो का अनुपालन नहीं किया है। इसीलिए दो हाथियों की जान चली गई। वहीं, रेलवे विभाग ने इस आरोप से इंकार किया है। सूत्र के अनुसार अभी तक इस रेलमार्ग पर ट्रेन के धक्के से मरने वाले हाथियों की संख्या 54 हो गई है।

रेलवे व वन विभाग के सूत्र के अनुसार बीती रात दो बजे के करीब न्यू जलपाईगुड़ी से असम के न्यू बोंगाईगांव जा रही विशेष मिलिट्री स्पेशल ट्रेन बक्सा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के संरक्षित वनांचल से गुजर रही थी जब अचानक हथिनी अपने शावक के साथ रेल लाइन पर आ गई। आखिरी वक्त में चालक ने हालांकि इमरजेंसी ब्रेक लगाई लेकिन इस दुर्घटना को रोका नहीं जा सका। ट्रेन के धक्के से मादा हाथी रेल लाइन से करीब 15 फीट दूर जाकर गिरी जबकि आठ साल का शावक इंजन के नीचे आ गया। इसी हालत में ट्रेन करीब एक सौ मीटर तक खींचती चली गई जिससे शावक की दर्दनाक मौत हो गई। मधु चाय बागान के निवासी सुव्रत देव ने बताया कि घटना के समय वे सभी टीवी पर विश्व कप फुटबॉल का आनंद ले रहे थे जब विकट आवाज से सभी चौंक पड़े। जाकर देखा गया तो ट्रेन बेपटरी हो गई है जबकि ट्रेन की चपेट में आकर एक विशाल हाथी जमीन में पड़ी चिग्घाड़ रही है। अगले ही पल उसने दम तोड़ दिया। उधर, हादसे की जानकारी मिलने पर अलीपुरद्वार जंक्शन से एक स्पेशल रिलीफ ट्रेन पहुंची जिसमें सवार होकर सेना के जवान अपनी मंजिल की ओर बढ़े। मौके पर बक्सा टाइगर रिजर्व के अधिकारी भी पहुंचे। भोर होते ही इंजन के नीचे से शावक का क्षत विक्षत शरीर निकाला गया। मंगलवार को ही दोनों हाथियों का अंत्यपरीक्षण किया गया। बक्सा टाइगर रिजर्व के रेंज अधिकारी पश्चिम अपूर्व सेन ने आरोप लगाया कि दुर्घटना की जांच चल रही है। प्राथमिक जांच के अनुसार ट्रेन की रफ्तार मानक से काफी ज्यादा थी जिससे यह हादसा हुआ। वन मंत्री विनय कृष्ण बर्मन ने घटना को अफसोसजनक बताया है।

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