गुमशुदा कारखाना अधिकारी को पुलिस ने खोज निकाला, राजेश खोलेगा लापता होने का राज

दुर्गापुर के सिटी सेंटर से चार दिन पहले लापता बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर के रोहित फेरो टेक के मैनेजर राजेश जैन को दुर्गापुर पुलिस ने आखिरकार बुधवार को खोज निकाला।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 04:49 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 06:35 PM (IST)
गुमशुदा कारखाना अधिकारी को पुलिस ने खोज निकाला, राजेश खोलेगा लापता होने का राज
गुमशुदा कारखाना अधिकारी को पुलिस ने खोज निकाला, राजेश खोलेगा लापता होने का राज

जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापुर के सिटी सेंटर से चार दिन पहले लापता बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर के रोहित फेरो टेक के मैनेजर राजेश जैन को दुर्गापुर पुलिस ने आखिरकार बुधवार को खोज निकाला। उसे बरामद कर पुलिस बुधवार रात दुर्गापुर थाने पहुंची, जहां उससे पूछताछ की गई। हालांकि थके होने के कारण पुलिस उससे अच्छे से पूछताछ नहीं कर पाई है।

पुलिस उससे पूछताछ कर लापता होने का राज उगलवाने की कोशिश करेगी। रविवार की दोपहर वह चौवन फ़ीट इलाके के नेचुरल हाइट नामक बहुमंजिला भवन स्थित अपने आवास से बाल कटवाने के लिए सिटी सेंटर के जंक्शन मॉल स्थित एक नामी सैलून में पहुंचा था। जिसके बाद वह घर नहीं पहुंचा। संध्या तक घर न पहुंचने पर पत्नी मोनू ने मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन नहीं लगा। संध्या तकरीबन 6 बजे राजेश के फोन से पत्नी के पास कॉल आया। पर बात करने वाला व्यक्ति अलग था। उसने बांग्ला में बात की। उसकी पत्नी को संदेह हुआ कि उसके पति का अपहरण हुआ है और कोई पैसों की मांग कर रहा है।

उन्होंने अपने नजदीकी लोगों को इसकी जानकारी दी। वहीं पुलिस को अवगत करवाया गया। पुलिस भी जांच में जुट गई और तुरंत जंक्शन मॉल पहुंचकर वहाँ के सीसीटीवी को खंगालना पुलिस ने शुरू कर दिया। तब जंक्शन मॉल में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में राजेश एक ऑटो वाले से बात करते दिखाई दिया। लेकिन उसी समय कैमरा दूसरी ओर घूम गया। जब दूसरी बार कैमरा वहां आया तब तक न ही राजेश वहां दिखा और न ही ऑटो वाला। 

बह दो बजे ऑटो वाले का मिला सुराग

राजेश का पता लगाने के लिए एक तरफ पुलिस उसकी पत्नी और मित्रों से पूछताछ करती रही, ताकि कुछ सुराग मिले। वहीं अब पुलिस को ऑटो वाले की तलाश जरूरी हो गयी। रात 7-8 बजे से ही पुलिस ऑटो वाले की तलाश में जुट गई, देर रात 2 बजे पुलिस ऑटो वाले तक पहुंची। उसे थाने में लाकर पूछताछ की। जिसमें पाया गया कि राजेश ऑटो से सिटी सेंटर बस पड़ाव आया था। सिटी सेंटर बस पड़ाव पर कई दुकानें है, वहां अगर कोई जबरन किसी का अपहरण करेगा तो किसी न किसी की नजर पड़ेगी। लेकिन अगले दिन सोमवार को पुलिस सिटी सेंटर के हॉकरों, मोची से लेकर गुमटी और चाय वाले से भी पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इधर परिवार वालों के पास भी फिरौती को लेकर कोई मांग नहीं आयी। तब से पुलिस के सामने स्पष्ट हो गया कि ये अपहरण का मामला नहीं है।

दो दिन बाल कटवाने की बात से पुलिस को हुआ संदेह

राजेश की पत्नी और परिवार वालों से बातचीत कर पुलिस लगातार सुराग की तलाश में जुटी रही। इस बीच पत्नी ने बताया कि रविवार के पहले भी 28 जून को राजेश बाल कटवाने के लिए जंक्शन मॉल में गया था। जहां से 5 घंटा बाद वापस घर आ गया। लेकिन बाल नहीं कटवा पाया। पुलिस को संदेह हुआ कि किसी सैलून में 5 घंटा इंतजार के बाद भी कोई बिना बाल कटवाए घर नहीं जाएगा। बस पुलिस ने उस बिंदु से जांच को आगे बढ़ाया। जहां से पुलिस के सामने राजेश के लापता होने का राज खुलना शुरू हो गया। 

बिहार और झारखंड भेजी गई दो टीम

जांच में पुलिस को पता चला कि राजेश 28 को बाल कटवाने के पहले आसनसोल गया था, वहां जाकर राजेश ने औरंगाबाद जाने वाले वॉल्वो बस की जानकारी ली थी। वहीं उसके फोन का अंतिम लोकेशन झारखंड के धनबाद का मिला था। जिसके बाद पुलिस की दो टीमों को धनबाद और बिहार के औरंगाबाद भेज दिया गया और बुधवार की संध्या जब वह बस से यात्रा कर रहा था, तब पुलिस ने बंगाल-झारखंड सीमा के डीबुडीह इलाके में उसे अपने गिरफ्त में ले लिया। जिसे लेकर पुलिस दुर्गापुर आ गयी।

क्यों परिवार वालों को बिना कोई जानकारी दिए भाग रहा था राजेश

यह तो साफ हो गया है कि राजेश का अपहरण नहीं हुआ, क्योंकि बस से यात्रा के समय भी वो अकेले ही था। इससे पुलिस अनुमान कर रही है कि वह खुद ही लापता हुआ था। राजेश परिवार वालों को कोई जानकारी दिए बिना क्यों भाग रहा था, इसका उत्तर अब तक पुलिस को भी नहीं मिला है। एक बात सामने आ रही है कि 6 माह से वह परेशान चल रहा था, परिवार वालों ने भी पुलिस को इसकी जानकारी दी है, लेकिन वजह सामने नहीं आयी है। अब पुलिस और परिवार वालों को भी वजह जानने का इंतजार है, इसका राज, राजेश ही खोलेगा।

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