दुर्गापुरः खदान में 70 श्रमिक फंसे, तीन घंटे बाद निकाले गए

workers trapped in mine. कोलियरी खदान में 70 श्रमिक फंस गए। तीन घंटे बाद श्रमिकों को निकाला गया। श्रमिक संगठनों और मजदूरों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 12:55 PM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 12:55 PM (IST)
दुर्गापुरः खदान में 70 श्रमिक फंसे, तीन घंटे बाद निकाले गए
दुर्गापुरः खदान में 70 श्रमिक फंसे, तीन घंटे बाद निकाले गए

जागरण संवाददाता, दुर्गापुर। ईसीएल के कजोड़ा क्षेत्र के परासकोल ईस्ट (मुकुंदपुर) कोलियरी खदान में रविवार को 70 श्रमिक फंस गए। तीन घंटे बाद श्रमिकों को निकाला गया। श्रमिक संगठनों और मजदूरों में प्रबंधन के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है। खदान में श्रमिकों के फंसने की घटना को लेकर श्रमिक स्थानीय प्रबंधन को दोषी ठहरा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, शनिवार की रात पाली में 70 श्रमिक काजोड़ा के परासकोल ईस्ट कोलियरी खदान में काम करने के लिए गए थे। रविवार सुबह आठ बजे उन्हें बाहर निकलना था। जब बाहर आने का समय आया तो पता चला कि बायलर में स्टीम नहीं होने के कारण डोली काम नहीं कर सकती। इसकी जानकारी मिलने पर कोलियरी चानक के पास श्रमिक और श्रमिक नेताओं की भीड़ लग गई।

श्रमिकों ने बताया कि डोली यहां बिजली और बायलर के स्टीम से चलती है। बिजली वाला सिस्टम ब्रेक डाउन था, जबकि बायलर से रात दो बजे के करीब स्टीम को खाली करवा दिया गया था। श्रमिकों ने स्टीम खाली करवाने वाले अधिकारी के खिलाफ करवाई की मांग की। करीब तीन घंटे से श्रमिक खदान में फंसे हुए थे।

कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस के स्थानीय अध्यक्ष सुदर्शन सिंह ने कहा प्रबंधन श्रमिकों को खतरे में डाल रहा है। स्थानीय सेफ्टी विभाग से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही से श्रमिक खदान में फंसे है। प्रबंधन को मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं, इस घटना के बाद से श्रमिकों में कंपनी के खिलाफ रोष है। वे कंपनी के अधिकारियों को दोषी ठहरा रहे हैं। दूसरी ओर, कंपनी के अधिकारी इस घटना के संबंध में चुप्पी साधे हुए हैं। श्रमिकों का कहना है कि इस घटना में उनकी जान भी जा सकती थी। मगर कंपनी के अधिकारियों को श्रमिकों की जान की जरा सी भी परवाह नहीं है।

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