राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से सैलानी रहे परेशान

राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का असर सिक्किम में भी देखने को मिला। मंगलवार बैंक बंद के कारण करोड़ों रुपये का वित्तीय कारोबार पूरी तरह से ठप रहा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 03:30 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 03:44 PM (IST)
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से सैलानी रहे परेशान
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से सैलानी रहे परेशान

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का असर सिक्किम में भी देखने को मिला। मंगलवार बैंक बंद के कारण करोड़ों रुपये का वित्तीय कारोबार पूरी तरह से ठप रहा। बैंक बंद के साथ एटीएम बंद का भी असर अधिक देखने को मिला। राज्य के सभी निजी व सरकारी बैंक पूरी तरह से बंद रहे।

हालांकि स्थानीय लोगों ने बैंक बंद की पूर्व सूचना मिलने के साथ कई तैयारियां की थी। लेकिन औचक सिक्किम आवगमन पर आने वाले सैलानियों को बंद के असर का अधिक सामना करना पड़ा। इस समस्या के बारे में कोलकाता साल्ट लेक निवासी जोतिन दास ने दैनिक जागरण को बताया कि मुझे बैंक बंद के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन अचानक बंद के कारण हमारे पास नगद की कमी थी।

हालांकि होटलों में कार्ड के जरिए नकद भुगतान किए जा सकते हैं। लेकिन घूमने के लिए टैक्सी वाहन व खरीददारी में दिक्कत हुई। इस वजह से मंगलवार को मुझे होटल के कमरे में ही रहना पड़ा। उक्त राष्ट्रव्यापी बंद के संबंध में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन की मांग अनुसार बैंकों के बीच विलय को रोकने की गुजारिश की है। बैंक सुधार के नाम पर बैंक कर्मचारियों पर अनावश्यक कार्यों को थोपना बंद तथा ऋण भुगतान करने के लिए बैंक कड़ाई से कार्रवाई करने की मांग रखी है। बैंक में रोजगार के अवसर में बाधा उत्पन्न नहीं करने की मांग की हैं। 

इसके अलावा दिवाली की छुट्टियों के चलते भी बैंक लगातार चार दिन बंद रहेंगे। इस हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है। हालांकि राहत की बात यह है कि भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि उनके यहां पर हड़ताल का असर नहीं पड़ेगा। कर्मचारी संगठनों की इस घोषणा से त्योहार के सीजन में बैंकिग कामकाज पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में लोगों को दिक्कतें हो सकती हैं। 

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाई यूनियन (एआईबीईए) और बैंक इंप्लाई फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हड़ताल बुलाई है। बैंकों के प्रस्तावित विलय और जमा पर गिरती ब्याज दरों का विरोध करने के लिए यह हड़ताल होगी। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि उनके यहां पर इस हड़ताल का असर देखने को नहीं मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सिंडिकेट बैंक जैसे तमाम सरकारी बैंकों में इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा, क्योंकि इन बैंकों में ये दो यूनियन से जुड़े कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है। 

बैंकों के सात यूनियन इस हड़ताल में हिस्सा नहीं लेंगे। इन सात संगठनों में से तीन कर्मचारी और चार अधिकारियों के संगठन हैं। 

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