फुटबाल की ऐसी दीवानगी शायद ही कहीं देखने को मिले,दसवीं बार विश्वकप देखने रूस रवाना होंगे वृद्ध दंपती

पति की उम्र 85 और पत्नी की 76 वर्ष। फिर भी यह बुजुर्ग दंपती विश्वकप देखने शुक्रवार को रूस रवाना हो रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 10:49 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 01:00 PM (IST)
फुटबाल की ऐसी दीवानगी शायद ही कहीं देखने को मिले,दसवीं बार विश्वकप देखने रूस रवाना होंगे वृद्ध दंपती
फुटबाल की ऐसी दीवानगी शायद ही कहीं देखने को मिले,दसवीं बार विश्वकप देखने रूस रवाना होंगे वृद्ध दंपती

कोलकाता, जागरण संवाददाता। भारत में फुटबॉल का मक्का कोलकाता को कहा जाता है। फुटबाल को लेकर ऐसी दीवानगी शायद ही कहीं देखने को मिले। फुटबॉल विश्वकप की दीवानगी ऐसी कि उम्र भी बाधा नहीं। पति की उम्र 85 और पत्नी की 76 वर्ष। फिर भी यह बुजुर्ग दंपती विश्वकप देखने शुक्रवार को रूस रवाना हो रहा है। लगातार 9 बार फीफा फुटबॉल विश्वकप के मैच देख चुके हैं और यह उनका 10वां फुटबॉल विश्वकप है।

बंगाल के बहुत सारे फुटबॉल प्रेमी टीवी पर मैच देखकर संतोष कर लेते हैं लेकिन 85 वर्षीय पन्नालाल चटर्जी और उनकी 76 वर्षीया पत्नी चैताली चटर्जी स्टेडियम के स्टैंड पर बैठकर ही विश्वकप का आनंद लेना चाहते हैं। पहली बार वे 1982 में विश्व कप देखने स्पेन गए थे। तब से जिस देश में विश्वकप का आयोजन हुआ, वे वहां पहुंच जाते हैं। चटर्जी दंपती उम्र के इस पड़ाव में होने के बावजूद रूस जा रहे हैं।

अपने पेंशन से बचाकर उन्होंने विश्वकप देखने के लिए पांच लाख रुपये जमा किए हुए हैं। उसी को लेकर वे शुक्रवार को रवाना होंगे। खिदिरपुर के छोटे व संकीर्ण लेन में उनका घर है। 36 साल पहले वे लंदन एक दोस्त के घर गर्मी की छुट्टी बिताने के लिए गए थे। वहां से पन्नालाल अपनी पत्नी को लेकर दोस्तों के साथ स्पेन में विश्व कप मैच देखने चले गए।

इसके बाद से उन्हें और उनकी पत्नी को विश्व कप मैचों को स्टेडियम में जाकर देखने का ऐसा चस्का लगा कि दुनिया में कहीं भी विश्वकप हो, वे पहुंच जाते हैं। स्पेन, मैक्सिको, इटली, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान-कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील के बाद अब रूस।

पन्नालाल को 11 हजार रुपये का पेंशन मिलता है। उसमें से चार वर्ष पर होने वाले विश्वकप को देखने के लिए वह दो-तीन हजार रुपये की बचत करते हैं। इस साल फीफा की ओर से सहयोग नहीं मिलने को लेकर पहले वे दोनों ही नाखुश थे। वे 28 जून को वापस आएंगे। हालांकि, पन्नालाल और उनकी पत्नी चैताली को विश्वकप कें नॉकआउट मैचों का टिकट नहीं मिल पाया है।  

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