'ग्राम स्वराज' का महोत्सव संपन्न 'खुशी-खुशी'!

सिलीगुड़ी महकमा परिषद क्षेत्र में 79.35 प्रतिशत मतदान हुआ अब 29 जून को मतगणना

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 10:51 PM (IST)
'ग्राम स्वराज' का महोत्सव संपन्न 'खुशी-खुशी'!
'ग्राम स्वराज' का महोत्सव संपन्न 'खुशी-खुशी'!

सब-लीड : सिलीगुड़ी महकमा परिषद क्षेत्र में 79.35 प्रतिशत मतदान हुआ, अब 29 जून को मतगणना संग आएगा जनादेश स्लग : -इक्का-दुक्का तनाव की घटना को छोड़ हर जगह शांतिपूर्ण गुजरा मतदान

-कहीं-कहीं ईवीएम में तकनीकी खराबी के चलते मतदान प्रभावित हुआ

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : लोकतंत्र के सबसे बुनियादी स्तर ग्राम पंचायतों की अपनी शासन-व्यवस्था यानी 'ग्राम स्वराज' की त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का महोत्सव यानी पंचायत चुनाव का मतदान रविवार को यहां इक्की-दुक्की तनाव की घटना को छोड़ शांतिपूर्ण रूप में खुशी-खुशी संपन्न हुआ। इसे लेकर चारों ओर मानो उत्सव का सा माहौल रहा। सिलीगुड़ी महकमा परिषद के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत इस दिन 79.35 प्रतिशत मतदान हुआ। हर जगह सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया, जो अपने पूर्व निर्धारित समय अनुसार शाम पांच बजे तक लगभग-लगभग संपन्न भी हो गया। इस दौरान सुबह में घंटे-दो घंटे तक बारिश भी हुई लेकिन वह मतदाताओं के उत्साह को भिगा नहीं पाई। वहीं, कई-कई जगह ईवीएम में तकनीकी खराबी के चलते घंटे-दो घंटे मतदान बाधित भी रहा लेकिन मतदाताओं की कतार छोटी नहीं पड़ी। हर मतदान केंद्र के निकट विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने मतदाता सहायता शिविर भी लगाए थे। वहीं हर मतदान केंद्र पर पुलिस बल के साथ ही साथ सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रही।

इसके बावजूद बागडोगरा बालिका उच्च विद्यालय मतदान केंद्र पर तृणमूल कांग्रेस व भाजपा समर्थकों के बीच तूतू-मैंमैं व मारपीट के चलते थोड़ी देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। कुछ देर तक मतदान भी बाधित रहा। मगर फिर पुलिस के हस्तक्षेप से सब कुछ स्वाभाविक हो गया। वहीं, फासीदेवा प्रखंड के चटहाट में भी सिलीगुड़ी महकमा परिषद की सीट नंबर आठ के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ऐनुल हक व तृणमूल कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद अख्तर अली के समर्थकों के बीच भी झड़प हुई। हालांकि, पुलिस ने समय रहते परिस्थिति को काबू में कर लिया। इसी तरह, चटहाट प्राइमरी स्कूल मतदान केंद्र के बूथ संख्या 27/233 पर जब एक महिला अनिमा तिग्गा मतदान करने पहुंची तो पता चला कि उनका मतदान पड़ चुका है। मगर, जब महिला ने कहा कि उन्होंने वोट दिया ही नहीं है तब पीठासीन पदाधिकारी ने कहा कि संभवत: कुछ तकनीकी कारणों के चलते ऐसा हुआ होगा। उन्होंने उन्हें टेंडर वोट देने की पेशकश कि लेकिन महिला नहीं मानी व लौट गई। वहीं, कई जगहों पर ईवीएम की तकनीकी खराबी के चलते भी घंटे-दो घंटे मतदान प्रभावित हुआ। इसे लेकर मतदाताओं में थोड़ा आक्रोश भी पैदा हो गया लेकिन फिर मतदान शुरू होने पर सभी ने मतदान किया।

उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी महकमा परिषद क्षेत्र में कुल 382 मतदान केंद्रों के 657 बूथों पर लगभग 5100 मतदान कर्मियों ने मतदान कराया। कुल 5,27,938 मतदाताओं में से 79.35 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां एक सिलिगुड़ी महकमा परिषद की नौ सीटों के लिए 41 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। वहीं, चार प्रखंडों माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी व फासीदेवा की कुल मिलाकर चार पंचायत समितियों की 66 सीटों पर 232 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके साथ ही सिलीगुड़ी महकमा के चारों प्रखंड अंतर्गत कुल 22 ग्राम पंचायतों की कुल 462 सीटों पर 1442 उम्मीदवार हैं। इन सभी की किस्मत का फैसला आज मतदाताओं ने अपने मतदान द्वारा कर दिया। अब, 29 जून को मतगणना के साथ ही जनादेश के रूप में सामने आ जाएगा। याद रहे कि इससे पूर्व सिलीगुड़ी महकमा परिषद का त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव वर्ष 2015 में हुआ था जिसकी मीयाद वर्ष 2020 में पूरी हो गई थी। मगर, उसके बाद कोरोना महामारी के चलते यह चुनाव लंबित रहा। इधर, बीती 27 मई को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने सिलिगुड़ी महकमा परिषद के वर्ष 2022 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की। इसके तहत 27 मई से दो जून तक नामाकन पर्चे लेने व दाखिल करने की प्रक्रिया हुई। उसके बाद चार जून तक छंटनी और सात जून तक नामाकन वापसी की प्रक्रियाएं पूरी की गई। इस दिन यानी 26 जून को मतदान हुआ। अब 29 जून को मतगणना के साथ ही चुनाव परिणाम सामने आ जाएगा। इस बार के चुनाव में लड़ाई तृणमूल काग्रेस, भाजपा और वाममोर्चा-काग्रेस गठबंधन के बीच त्रिकोणीय है। इससे पूर्व की बात करें तो वर्ष 1989 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक लगातार सिलिगुड़ी महकमा परिषद माकपा नीत वाममोर्चा के ही कब्जे में रहा है। मगर, इस बार पश्चिम बंगाल राज्य राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस व केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा का भी काफी प्रभाव देखा जा रहा है।

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