रंगपो सिक्किम सीमा पर नहीं प्रवेश पा सके दूधिए

डीएम से समाधान की मांग की कालिम्पोंग आज जिले के सागसे बस्ती से सिक्किम का दूध बेचने जाने वाल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 08:36 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 08:36 PM (IST)
रंगपो सिक्किम सीमा पर नहीं प्रवेश पा सके दूधिए
रंगपो सिक्किम सीमा पर नहीं प्रवेश पा सके दूधिए

डीएम से समाधान की मांग की

कालिम्पोंग : आज जिले के सागसे बस्ती से सिक्किम का दूध बेचने जाने वालों को रंगपो सीमा से प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसकी मुख्य वजह कोरोना खासतौर से ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सतर्कता स्वरुप सिक्किम सरकार ने कथित तौर पर दूध वालों के बंगाल में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसी प्रोटोकॉल के तहत बुधवार की सुबह सागसे से सिक्किम गए कुछ डेयरी किसानों को रंगपो सीमा पर दूध बेचने पर रोक लगा दी गई.अचानक दूध ले जाने पर रोक लगने से 200 से 250 लीटर दूध लेकर सिक्किम आए दूधियों ने प्रतिबंध पर दुख जताते हुए कहा कि 16/17 वर्ष के व्यापार के बाद अचानक लगे प्रतिबंध से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने माग की है कि जिलाधिकारी, विधायक और सिक्किम सरकार इस समस्या का समाधान निकाले ।

दूसरी ओर सिक्किम में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, लेकिन सिक्किम के दूधवाले बंगाल आकर खुलेआम दूध बेच रहे हैं, उन्होंने सवाल किया है कि यह कैसा न्याय है।

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दिवगंत बहन की याद में कंबल दिए

संसू.कालिम्पोंग : गोरखा दु:ख निवारक सम्मेलन के आजीवन सदस्य योगेश थापा ने अपनी दिवंगत बहन ज्योति थापा को याद करते हुए असहाय और जरूरतमंद लोगों को बाटने के लिए गोरखा दु:ख निवारक सम्मेलन को 25 कंबल सौंपे हैं। उन्होंने बुधवार को सम्मेलन भवन में उपाध्यक्ष राहुल उपासक और प्रमुख सचिव पीके प्रधान की उपस्थिति में कंबल सौंपा। विशेष रूप से पुराने सामाजिक संगठन कालिम्पोंग दु:ख निवारण सम्मेलन, विभिन्न गावों में विभिन्न तरीकों से जरूरतमंद परिवारों की मदद करता रहा है। इस कार्य के संबंध में बरेली के जानकी चैरिटेबल ट्रस्ट ने भी सम्मलेन को 50 हजार रु देने की जानकारी भी सचिव प्रधान ने दी है।

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