समलैंगिकों की आपस में शादी को वैधानिक मान्यता देने के लिए सिलीगुड़ी में निकाला मार्च

लेस्बियन, गे, बाई-सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, ट्रांस-सेक्सुअल, क्विअर (एलजीबीटीक्यू+) आदि ने समलैंगिक विवाह को वैधानिक मान्यता दिए जाने की मांग की है।

By Rajesh PatelEdited By: Publish:Sun, 30 Dec 2018 06:46 PM (IST) Updated:Sun, 30 Dec 2018 06:46 PM (IST)
समलैंगिकों की आपस में शादी को वैधानिक मान्यता देने के लिए सिलीगुड़ी में निकाला मार्च
समलैंगिकों की आपस में शादी को वैधानिक मान्यता देने के लिए सिलीगुड़ी में निकाला मार्च
> ट्रांसजेंडर बिल-2018 का किया विरोध, बिल को संशोधित करने की मांग  कहा कि प्यार प्यार है, इसके लिए विपरीतलिंगी होना जरूरी नहीं

सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। लेस्बियन, गे, बाई-सेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, ट्रांस-सेक्सुअल, क्विअर (एलजीबीटीक्यू+) आदि ने समलैंगिक विवाह को वैधानिक मान्यता दिए जाने की मांग की है। इसे लेकर इस तृतीय-लिंगी समुदाय की ओर से रविवार को शहर में सिलीगुड़ी प्राइड वॉक का आयोजन किया गया। इसमें शामिल ऊपरोक्त तृतीय लिंगी समुदाय के लोगों ने एयर व्यू मोड़ से बर्दवान रोड तक वॉक किया। 
इस दौरान इसमें शामिल लोगों ने बैनर-पोस्टर व प्ले कार्ड प्रदर्शित करते हुए जहां ट्रांसजेंडर बिल-2018 का विरोध किया। वहीं समलैंगिक विवाह को वैधानिक मान्यता दिए जाने की मांग की। कई तृतीयलिंगी लोगों ने कहा कि प्यार प्यार है। इसके लिए विपरीतलिंगी होना कोई जरूरी नहीं।  समलिंगी भी आपस में जो प्यार करते हैं, वह विपरीतलिंगी से कम नहीं होता। 

उल्लेखनीय है कि द ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल-2018 हाल ही में लोकसभा में पास हुआ है। इसमें तृतीय लिंग निर्धारण के लिए संबंधित व्यक्ति के लिंग की अनिवार्य स्क्रीनिंग का जो प्रावधान है, उस पर एलजीबीटीक्यू+ समुदाय को आपत्ति है।
इनका कहना है कि इस बिल में ऐसे अनेक प्रावधान हैं, जो टांसजेंडर के अधिकारों की रक्षा नहीं करते, बल्कि उन पर नियंत्रण करते हैं। इस दिन प्रतिवाद स्वरूप निकाले गए प्राइड वॉक में एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अनेक लोग सम्मिलित हुए। तृतीयलिंगी लोगों की ओर से बोधिसत्व घोष ने कहा कि प्यार प्यार है। इसके लिए विपरीत लिंगी होना कोई जरूरी नहीं।

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