पहाड़ों की रानी फेल,अभी तो नागपुर का संतरा ही राजा

-कोरोना काल में व्यापारियों पर मौसम की दोहरी मार -इस साल दार्जिलिंग से आमद में बेहद कमी -उत्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 06:16 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 06:16 PM (IST)
पहाड़ों की रानी फेल,अभी तो नागपुर का संतरा ही राजा
पहाड़ों की रानी फेल,अभी तो नागपुर का संतरा ही राजा

-कोरोना काल में व्यापारियों पर मौसम की दोहरी मार

-इस साल दार्जिलिंग से आमद में बेहद कमी

-उत्पादन कम होने से कीमत भी आसमान पर

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रुपये है दार्जिलिंग के एक संतरे की थोक कीमत

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रुपये है नागपुर के एक संतरे की थोक कीमत मोहन झा, सिलीगुड़ी : पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग सिर्फ चाय और पर्यटन के लिए ही नहीं, बल्कि संतरे के लिए भी विख्यात है। लेकिन कोरोना के इस काल में मौसम की मार से बाजार में नागपुर का संतरा राज कर रहा है। दार्जिलिंग के संतरे की मांग के अनुसार इस बार उत्पादन नहीं होने की वजह से कीमत आसमान पर है। दार्जिलिंग में संतरे का उत्पादन कम होने से सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट के संतरा व्यापारी काफी निराश हैं।

दार्जिलिंग की चाय के साथ संतरे का स्वाद भी विश्व विख्यात है। ठंड के इस मौसम में दार्जिलिंग के संतरे की बात ही कुछ और है। दार्जिलिंग का संतरा विदेशों को भी निर्यात किया जाता है। लेकिन कोरोना के इस काल में विदेश निर्यात तो दूर दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल, पड़ोसी राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश व देश के विभिन्न राज्यों के नागरिकों को ही स्वाद चखा दे वही बहुत है। इस सीजन में सिलीगुड़ी सहित पूर्वोत्तर में कच्चे माल की सबसे बड़ी थोक मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट भी दार्जिलिंग के संतरे को तरस रहा है। दार्जिलिंग के संतरे की पहली खेप गुरुवार को सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट में पहुंची है। उसके बाद थोड़ी-बहुत आवक शुरू हुई। दार्जिलिंग में संतरे के उत्पादन में भारी कमी से सलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारियों का मन तो टूटा ही था,दार्जिलिंग के संतरे की पहली खेप पहुंचने से खुदरा व्यापारियों का मिजाज भी खराब हो गया है। फिलहाल स्वाद के लिए विख्यात दार्जिलिंग संतरे के गढ़ में नागपुर का संतरा राज कर रहा है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में दार्जिलिंग का संतरा 8 रुपया प्रति पीस थोक के भाव में बिका है। जिसमें बड़ा, मझोला और छोटा पीस है। वहीं नागपुर के संतरे की कीमत दार्जिलिंग के आधी कीमत पर चार रुपया प्रति पीस बिक रहा है। दार्जिलिंग के संतरे की थोक बाजार कीमत से खुदरा बाजार में कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है। समय पर बारिश नहीं होने से परेशानी

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के संतरा व्यापारी शिव बिहार राम ने बताया कि कोरोना के इस काल में संतरा व्यापारियों को मौसम की दोहरी मार पड़ी है। इस बार दार्जिलिंग व आस-पास के पहाड़ी क्षेत्रों में संतरे का उत्पादन काफी कम हुआ है। संतरा उत्पादन के सही समय पर बारिश नहीं होने की वजह से फलों में कीड़ा लग गया। जिसकी वजह से अधिकांश फल काफी पहले ही झड़ गए।

इस साल संतरे का आकार भी छोटा

बीते वर्षो की अपेक्षा इस बार बाजार में आने वाले संतरे का आकार भी काफी छोटा है। पहले छठ पूजा के आस-पास ही दार्जिलिंग के संतरे से बाजार पटा रहता था। लेकिन इस बार छठ पूजा के पंद्रह दिन बाद सिलीगुड़ी रेगेलेटेड मार्केट में दार्जिलिंग के संतरे का पहला खेप पहुंचा है। लेकिन थोक मंडी के सभी संतरा व्यापारियों तक अभी भी माल नहीं पहुंचा है। उत्पादन कम होने की वजह से दार्जिलिंग के संतरे की कीमत इस बार आसमान पर है। जबिक नागपुर का संतरा उसके मुकाबले काफी सस्ता है।

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