गैर जरूरी एप्प मोबाइल में डाउनलोड किया तो हो सकते हैं साइबर क्राइम के शिकार
पर्याप्त जानकारी के अभाव में हम साइबर क्राइम का शिकार बन जाते हैं और हमें पता भी नहीं चल पाता। इससे बचने के लिए मुंबई से आए साइबर कानून विशेषज्ञ प्रशांत माली की सलाह आप भी समझें।
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। जिस तरह से साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं, इससे बचने के लिए सर्व प्रथम जागरूकता जरूरी है। डेटा कब व कैसे चोरी हो जाएगा, यह कह पाना मुश्किल है। सबसे जरूरी यह है कि अपने मोबाइल में बिना जाने-समझे कोई एप्प डाउनलोड न करें।
यह सलाह मुंबई से आए साइबर लॉ एक्सपर्ट व साइबर ब्वॉएज के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट प्रशांत माली ने दी। वे सिलीगुड़ी के तीन बत्ती मोड़ स्थित द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया सिलीगुड़ी शाखा द्वारा साइबर सुरक्षा व साइबर क्राइम पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर आप मोबाइल पर ट्रू कॉलर अथवा कोई अन्य फ्री का एप्प डाउन लोड करते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि मोबाइल में जो कुछ आप सेव करके रखे हैं, वह सुरक्षित है। इससे भी लोग साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। क्योंकि जब कोई एप्प डाउनलोड किया जाता है तो उसमें कुछ शर्त रहती है, जिसे लोग अपनी मंजूरी देते हैं, तभी डाउनलोड होता है। इसी तरह के एप्प लोगों के लिए परेशानी का सबब भी होते हैं।
आप मोबाइल से चाइल्ड पॉर्न साइट सर्च करते हैं तो यह भी एक तरह का क्राइम है। व्हॉट्स एप्प ग्रुप में अगर कोई सदस्य कुछ अश्लील फोटो भेजते हैं तो इसकी जवाबदेही भी ग्रुप एडमिन की होती है तथा उनपर कार्रवाई हो सकती है।
उन्होंने कहा कि किसी मैटर को कापी कर उसका डेटा संग्रह करना भी एक तरह का साइबर क्राइम है। इस मौके पर उत्तर बंगाल के पुलिस महानिरीक्षक आनंद कुमार, आइसीएआइ सिलीगुड़ी शाखा के पवन कुमार लोहाटी, वाइस चेयरमैन योगेश कुमार अग्रवाल व सचिव अमित गोयल समेत आइसीएआइ के काफी संख्या में विद्यार्थी व अन्य अतिथि उपस्थित थे।
यह सलाह मुंबई से आए साइबर लॉ एक्सपर्ट व साइबर ब्वॉएज के संस्थापक अध्यक्ष एडवोकेट प्रशांत माली ने दी। वे सिलीगुड़ी के तीन बत्ती मोड़ स्थित द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया सिलीगुड़ी शाखा द्वारा साइबर सुरक्षा व साइबर क्राइम पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर आप मोबाइल पर ट्रू कॉलर अथवा कोई अन्य फ्री का एप्प डाउन लोड करते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि मोबाइल में जो कुछ आप सेव करके रखे हैं, वह सुरक्षित है। इससे भी लोग साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। क्योंकि जब कोई एप्प डाउनलोड किया जाता है तो उसमें कुछ शर्त रहती है, जिसे लोग अपनी मंजूरी देते हैं, तभी डाउनलोड होता है। इसी तरह के एप्प लोगों के लिए परेशानी का सबब भी होते हैं।
आप मोबाइल से चाइल्ड पॉर्न साइट सर्च करते हैं तो यह भी एक तरह का क्राइम है। व्हॉट्स एप्प ग्रुप में अगर कोई सदस्य कुछ अश्लील फोटो भेजते हैं तो इसकी जवाबदेही भी ग्रुप एडमिन की होती है तथा उनपर कार्रवाई हो सकती है।
उन्होंने कहा कि किसी मैटर को कापी कर उसका डेटा संग्रह करना भी एक तरह का साइबर क्राइम है। इस मौके पर उत्तर बंगाल के पुलिस महानिरीक्षक आनंद कुमार, आइसीएआइ सिलीगुड़ी शाखा के पवन कुमार लोहाटी, वाइस चेयरमैन योगेश कुमार अग्रवाल व सचिव अमित गोयल समेत आइसीएआइ के काफी संख्या में विद्यार्थी व अन्य अतिथि उपस्थित थे।