जमीन 7.92 एकड़ और सलामी मात्र दस करोड़,40 बीघा फ्री में लेने की योजना

-आरएस खतियान की जमीन एलआर प्लॉट में कन्वर्ट -महकमा परिषद तक को नहीं दी गई जानकारी -मा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 07:31 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 07:40 PM (IST)
जमीन 7.92 एकड़ और सलामी मात्र दस करोड़,40 बीघा फ्री में लेने की योजना
जमीन 7.92 एकड़ और सलामी मात्र दस करोड़,40 बीघा फ्री में लेने की योजना

-आरएस खतियान की जमीन एलआर प्लॉट में कन्वर्ट

-महकमा परिषद तक को नहीं दी गई जानकारी

-मात्र दस करोड़ रुपये की सलामी लेने का प्रावधान

-मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन आरोपों के घेरे में

200 करोड़ की उगाही का खेल-2

पिछले साल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब भूमाफिया या कहें जमीन माफिया पर नकेल कसने का निर्देश दिया था,काफी खलबली मच गई थी। जहां एक ओर कई भूमाफिया जेल भेजे गए थे,तो कई अंडर ग्राउंड हो गए थे। बाद में मामला ठंडा होने पर सभी धीरे-धीरे प्रकट होते चले गए। जमीन माफिया की सक्रियता एक बार फिर से बढ़ गई है। भारत-नेपाल सीमा पर करीब 40 बीघा सरकारी जमीन पर जमीन माफिया ने कब्जा कर लिया है और करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे की तैयारी कर ली है। हम आने वाले कई दिनों तक इनका काला चिट्ठा खोल रहे हैं। कहां है यह जमीन,कैसे हो रहा है जमीन हड़पने का खेल और कौन लोग हैं इसमें शामिल,इस पूरे मामले का खुलासा हम कर रहे हैं। बुधवार को पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि कैसे लीज में मिली जमीन के आसपास खाली 40 बीघा सरकारी जमीन पर जमीन माफिया ने कब्जा कर लिया है। अब पढि़ए आगे।

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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत-नेपाल सीमात पानीटंकी मे 40 बीघा सरकारी जमीन पर मार्केट बसाकर 200 रुपये करोड़ से अधिक की उगाही मे मिलीभगत और भ्रष्टाचार आइने की तरह साफ है। एक वेलफयर एसोशिएसन को सरकारी भेस्ट जमीन लीज पर दी गई। इसमें सरकारी निर्देशों और नियमों की धज्जिया उड़ाने का आरोप है। अधिकार क्षेत्र होने के बाद भी सिलीगुड़ी महकमा परिषद को दरकिनार कर पूरे घोटाले का अंजाम देने की पूरी कोशिश की जा रही है। जमीन पर कब्जे के लिए भूमाफिया से जुड़े लोग पैसा भी पानी की तरह बहा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल सोसाएटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम-1961 के तहत वर्ष 2013 के 1 अगस्त को मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन का गठन हुआ। कानूनी जानकारी के अनुसार इस अधिनियम के तहत पंजीकृत संगठन को चल या अचल संपत्ति खरीद कर उसे लीज या किराए पर किसी और को देने का अधिकार नहीं है। फिर मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन किस आधार पर 7.92 एकड़ सरकारी जमीन करीब दस करोड़ की सलामी और करीब एक करोड़ के वाíषक किराए पर सरकार से वाणिज्यिक लीज पर ले रही है। उसके अलावा आसपास की बीघा जमीन पर फ्री में कब्जा की तैयारी की गई है। कानूनी जानकारों ने यह भी बताया कि सरकारी योजना मे उपयोग किए जाने वाले आरएस खतियान नंबर-1 मे अभिलिखित जमीन को एलआर प्लॉट मे किस तरह बदल दिया गया, यह भी एक बड़ा सवाल उभर कर सामने आया है। अब जरा जमीन पर गौर करें तो उक्त 7.92 एकड़ जमीन भारत-नेपाल सीमात दाíजलिंग जिला अंतर्गत खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के पानीटंकी इलाके के गंडगोल और उत्तर रामधन मौजा मे स्थित है। गंडगोल मौजा मे प्लॉट नंबर 7 डागा श्रेणी, 8 नंबर प्लॉट का रिकॉर्ड ही नहीं है, 9 नंबर प्लॉट नाला श्रेणी और 10 नंबर प्लॉट पुरातन पतित श्रेणी में है। वहीं उत्तर रामधन मौजा का प्लॉट नंबर 1018,1046 और 1048 चाय श्रेणी, प्लॉट नंबर 1047 रास्ता श्रेणी की जमीन है। गंडगोल मौजा मे 0.44 एकड़ जमीन सतीश चन्द्र चाय बागान प्रबंधन को और 0.28 एकड़ जमीन भारतीय गृह मंत्रालय के नाम पर दर्ज है। वहीं उत्तर रामधन मौजा मे 1.54 एकड़ जमीन भारत सरकार के अधीन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नाम पर दर्ज है। बाकी बचे सरकारी भेस्ट जमीन को सोसाइटी एक्ट के तहत दर्ज संस्था के हवाले किया जा रहा है। यह पूरा खेल वर्ष 2018 के 4 जुलाई को दार्जिलिंग जिला भूमि और भूमि सुधार अधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट जिसका मेमो नंबर 1932/17 (सी.एफ)/डीएलएलआरओ.डीजे/18 पर निर्भर है। आखिरकार जिला भूमि और भूमि सुधार अधिकारी ने किस आधार पर आरएस खतियान नंबर-1 मे दर्ज नाला, रास्ता, चाय श्रेणी की भेस्ट सरकारी जमीन को किसी सोसायटी एक्ट के तहत दर्ज संस्था को लीज पर देने की सिफारिश राज्य भूमि और भूमि सुधार मंत्रालय से किया।

इस संबंध मे जिला भूमि और भूमि सुधार अधिकारी निबिल इश्वारारी ने कोई बयान नहीं दिया। इस संबंध मे बात करने के लिए उन्हें कई बार फोन करने के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिला। बल्कि व्हाट्सएप पर भेजे गए प्रश्नों का भी कोई जवाब नहीं दिया।

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पानीटंकी इलाका महकमा पारिषद के अधिकार क्षेत्र में है। यहां सरकारी जमीन को लीज पर देने को लेकर राज्य सरकार की ओर से उन्हे कोई जानकारी नहीं दी गई है। वैसे अन्य सूत्रों से इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होने जिला अधिकारी को इस बारे मे चिट्ठी लिखी थी,लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसी मंगलवार को एक बैठक में भी उन्होने जिला अधिकारी से इस संबंध मे पूछा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

- तापस सरकार,सभाधिपति,सिलीगुड़ी महकमा परिषद

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मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन को सरकारी जमीन 30 वर्षो के लिए लीज पर दिये जाने संबंधी जानकारी दाíजलिंग के जिला अधिकारी से मांगी है। जिला अधिकारी को पत्र भी दिया है। लेकिन उन्होंने अभी तक जवाब देना मुनासिब नहीं समझा है।

-राजू बिष्ट,सांसद, दार्जिलिंग

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