Abused in West Bengal: दुष्कर्मी पिता को मिली 15 साल सश्रम कारावास की सजा

एक पिता के पास भी बेटी जब सुरक्षित नहीं है तो ऐसे में समझा जा सकता कि घर के बाहर लड़कियां कितनी सुरक्षित है?

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 09:46 AM (IST)
Abused in West Bengal: दुष्कर्मी पिता को मिली 15 साल सश्रम कारावास की सजा
Abused in West Bengal: दुष्कर्मी पिता को मिली 15 साल सश्रम कारावास की सजा

कूचबिहार, संवाद सूत्र। अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म के मामले में मंगलवार को कूचबिहार के स्पेशल कोर्ट में न्यायाधीश मधुछंदा घोष ने दोषी पिता गौतम राय को 15 साल तक सश्रम कारावास और 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई। दूसरे मामले में और दो साल की सजा सुनाई गयी है।

सरकारी अधिवक्ता शिवेन राय ने बताया कि दोषी कूचबिहार के एक नंबर ब्लॉक के जिरानपुर ग्राम पंचायत इलाके के चातरा के चैकारडेरा गांव का रहने वाला है। वह सीआईएसएफ का कर्मचारी है। वह बीच-बीच में घर आता था और शराब पीकर पत्नी के साथ मारपीट करता था। मारपीट से तंग आकर पत्नी अपनी एकलौती बेटी को छोड़कर मायके चली गयी। लड़की अपने दादा-दादी के साथ रहने लगी। पिता जब भी घर आता, अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करता था।

एक दिन लड़की ने इस विषय में पड़ोस की महिला को सब बात बता दिया। पिता को जब पता चला कि उसके बेटी ने बाहर के लोगों को दुष्कर्म के बारे में बता दिया है। इसके बाद उसके पिता की हैवानियत और बढ़ गयी। किसी तरह घर से भाग कर एनजेपी पुलिस स्टेशन पर पहुंच गयी। एक रिक्शे वाले ने उसे एनजेपी आउट पोस्ट में छोड़ दिया। बाद में उसके चाचा ने बहला फुसलाकर ले आया। बस से उतरते ही अपने पिता को देखकर किसी तरह चाचा का हाथ छुड़ाकर कोतवाली महिला थाना पहुंची। वहां पर उसने अपनी आप बीती बताई। बाद में चाचा ने भी उसकी मदद की। बाद में पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू हुई।

पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पीडि़ता को अलीपुरद्वार के एक होम में रखा गया है। एक पिता के पास भी बेटी जब सुरक्षित नहीं है, तो ऐसे में समझा जा सकता कि घर के बाहर लड़कियां कितनी सुरक्षित है? 

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