डा.बिशाल छेत्री ने गणित में बिधावारधी पूरी की

संसू.मिरिक: बिधावारधी पूरा करने के बाद पहली बार पैतृक गाव झेपी ग्राम अधिनस्थ गुर्दुम पहुँचे डाक्टर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 May 2022 09:31 PM (IST) Updated:Sat, 28 May 2022 09:31 PM (IST)
डा.बिशाल छेत्री ने गणित में बिधावारधी पूरी की
डा.बिशाल छेत्री ने गणित में बिधावारधी पूरी की

संसू.मिरिक: बिधावारधी पूरा करने के बाद पहली बार पैतृक गाव झेपी ग्राम अधिनस्थ गुर्दुम पहुँचे डाक्टर बिशाल छेत्री को शनिवार को अपने गांव पहुंचे जहां उनका ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। जातीय साजबाज के साथ खुशी उत्सव मनाया गया। उनका स्वागत करने के लिए सभी ग्रामीण एकजुट थे । ग्रामीणों ने पुलबजार से फूल माला के साथ रैली निकाली। इसके बाद ग्रामीणों व विभिन्न संघ संस्था की ओर से उनका नागरिक सम्मान किया गया। मालूम हो कि ,डा छेत्री ने हाल ही में श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट आफ हायर लनिग पुट्टापर्ती से गणित में बिधावारधी पूरी कर क्षेत्रका नाम रोशन किया है।

( फोटो -1 डा. छेत्री के स्वागत में नृत्य करते स्थानीय लोग)

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ममता गुरुंग ने की अर्थशास्त्र में पीएचडी

संसू. मिरिक: पश्चिम बंगाल राज्य अन्तर्गत दार्जिलिंग पहाड़ के चाय बागान के श्रमिकों पर अर्थशास्त्र मे पहाड़ के पुत्री ममता गुरुंग ने पीएचडी पूरी की। कर्सियांग के कटरेली निवासी पिता स्व. महेश गुरुंग और माता ग्रेसी भोटिया की सुपुत्री एवं हाल में सिविटार चाय बागान के कोठीडांड़ा निवासी डा दिव्य प्रकाश राई से विवाह बंधन में बंधने के बाद ममता गुरुंग ने अर्थशास्त्र से मिजोरम विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की है। उन्होंने अर्थशास्त्र में मिजोरम विश्वविद्यालयके प्रोफेसर जेम्स एलटी थांगा की देखरेख में वर्ष 2015 से अपना शोध कार्य शुरु किया था। ममता गुरुंग ने अर्थशास्त्र में लाइबलीवुड डाईबरसीफिकेशन अमोग टी प्लान्टेशन वर्कर्स वेस्ट बंगाल, अ केस स्टडी आफ् दार्जिलिंग हिल्स विषय में करीब सात वर्ष मे पीएचडी पूरी की। अपना शोध कार्य अवधि ममता गुरुंग ने यूजीसी भारत सरकारसे मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप भी प्राप्त की थी। इस अवधि में उन्होने अपने शोध कार्य के समय पांच शोध पेपरो मे इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित किया है वहीं राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार मे भी अपना शोध कार्य की प्रस्तुत कर चुकी हैं। पढ़ाई मे अव्वल रही ममता गुरुंग ने अर्थशास्त्र में अपना पीएचडी पूरा करके अपने परिवार और सिविटार , कर्सियांग और दार्जिलिंग पहाड़ का नाम गौरवान्वित किया है । ममता गुरुंग से पहले उनके पति एंव सिविटार चाय बागान निवासी मोहन राई के सुपुत्र डा दिव्य प्रकाश राई ने भी भौतिक विज्ञान में पीएचडी पूरी की है। अब सिविटार चाय बागान मे पीएचडी करने वालो की संख्या दो हुई है।

(फोटो -2 पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाली ममता गुरुंग)

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