Ayodhya Verdict: दिलीप घोष बोले, अयोध्या पर फैसले पर ममता चुप क्यों

Dilip Ghosh. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रहित में जब भी कोई बात होती है तो ममता बनर्जी हमेशा चुप रहती हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sat, 09 Nov 2019 04:35 PM (IST) Updated:Sun, 10 Nov 2019 12:43 PM (IST)
Ayodhya Verdict: दिलीप घोष बोले, अयोध्या पर फैसले पर ममता चुप क्यों
Ayodhya Verdict: दिलीप घोष बोले, अयोध्या पर फैसले पर ममता चुप क्यों

जागरण संवादाता, कोलकाता। Dilip Ghosh. अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रतिक्रिया विहीन तृणमूल कांग्रेस पर प्रदेश भाजपा ने सवाल उठाए हैं। फैसले के बाद शनिवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जब भी भारतीय परंपरा, अस्मिता और संस्कृति की बात होती है, तृणमूल कांग्रेस चुप्पी साध लेती है। वे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी कुछ नहीं बोलते। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक व पुलवामा हमले पर भी चुप्पी साधे रखी। अयोध्या जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करना उनके लिए काफी कठिन है, क्योंकि वो सिर्फ राजनीतिक कलाबाजी पर यकीन रखते हैं।

गौरतलब है कि फैसले के कई घंटे बीत जाने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। उन्होंने गुरुवार को अपने विधायकों के साथ बैठक में ही स्पष्ट कर दिया था कि अयोध्या पर फैसला आने के बाद पार्टी की ओर से एकमात्र ममता बनर्जी ही प्रतिक्रिया देंगी। आम तौर पर राष्ट्रीय मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया देनेवाली तृणमूल प्रमुख ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

राहुल गांधी व अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना

ममता बनर्जी के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी व अरविंद केजरीवाल को भी उनकी चुप्पी के लिए निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जब एयर स्ट्राइक की बात होती है तो उसका सबूत मांगने ये लोग सबसे पहले आते हैं। सांसद असद्दुद्दीन ओवैसी के बयान को उन्होंने वोटबैंक की राजनीति करार देते हुए कहा कि वह केवल वोट और अपने समर्थकों के लिए ही ऐसा बयान देते हैं।

भाजपा ने किया फैसले का स्वागत

भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले में दिए गए फैसले का स्वागत किया है। इसे ऐतिहासिक फैसला करार देते हुए उन्होंने कहा कि राम भक्तों की लड़ाई बरसों से चल रही थी। राम मंदिर के लिए बहुत से लोगों ने अपना बलिदान दिया है। वह खुद इस लड़ाई में शुरू से जुड़े थे। फैसले को नैतिक जीत करार देते हुए उन्होंने आज के दिन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अब सबको मिल कर एक भारत, श्रेष्ठ भारत विकसित करना है।

फैसले पर हुई देरी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत पहले भी यह निर्णय दे सकती थी, लेकिन देश में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का डर था। हालांकि केंद्र में आज मोदी सरकार है, इसलिए कोर्ट ने कानून व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए यह निर्णय दिया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सर्वोपरि बताते हुए उन्होंने कहा कि अदालत ने सभी पक्ष के साथ न्याय किया है। मुस्लिम समाज को भी मस्जिद बनाने के लिए अलग से जमीन दी गई है। भाजपा ने वचन दिया था उसे पूरा किया।

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