लाइब्रेरी भवन में पुलिस का कब्जा, धनराशि आवंटित होने के बावजूद नहीं बन पा रहा नया भवन
पुलिस के कारण एक लाइब्रेरी के नए भवन का निर्माण रुका है। जबकि राज्य सरकार ने इसके लिए 35 लाख रुपये भी आवंटित कर दिए हैं। जानिए क्या है कारण...
चेंगड़ाबांधा [संवादसूत्र]। भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती चेंगड़ाबांधा ग्राम पंचायत अंतर्गत चेंगड़ाबांधा क्लब टाउन लाइब्रेरी के एक कमरे में पुलिस ने कब्जा कर रखा है। इसके कारण नए भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। जबकि इसके लिए 35 लाख रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। यह आरोप चेंगड़ाबांधा क्लब टाउन लाइब्रेरी प्रबंधन ने मेखलीगंज ब्लॉक की चेंगड़ाबांधा पुलिस पर लगाया है।
लाइब्रेरी प्रबंधन का कहना है कि कमरा खाली करने के लिए लिखित व मौखिक रूप से पुलिस से अनुरोध किया गया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लाइब्रेरी के नए भवन के लिए धनराशि आवंटित हो चुकी है। रुपये आ चुके हैं। अगर आवंटित धनराशि खर्च नहीं की गई तो उसे वापस चले जाने की संभावना है।
लाइब्रेरी के नए भवन निर्माण के लिए पुराने भवन की कई सामग्री नीलाम कर दी गई हैं। लाइब्रेरी संचालन कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सरकार ने कहा कि तीन महीने से पुलिस को लाइब्रेरी का कमरा खाली करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। इस तरह से विकास का काम रोका जाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर, मेखलीगंज थाना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना की जानकारी आला अफसरों को दी गई है। उच्च अधिकारियों से निर्देश नहीं आने तक कुछ नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि लाइब्रेरी में दो भवन हैं। एक लकड़ी का व दूसरा पक्का। स्थानीय लोगों की सुरक्षा की खातिर स्थानीय व्यवसायियों व प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक के बाद लाइब्रेरी के पक्के भवन में अस्थायी रूप से पुलिस कैंप चालू किया गया था। आपातकालीन स्थिति के लिए पुलिस के अनुरोध पर लाइब्रेरी कमेटी की ओर से तीन महीने के लिए पुलिस कैंप के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन तीन महीने बाद भी पुलिस ने लाइब्रेरी का कमरा खाली नहीं किया। लाइब्रेरी की जर्जर स्थिति को देखते हुए संचालन कमेटी ने संबंधित विभाग से इसके नए भवन के लिए गुहार लगाई थी। इसके बाद राज्य सरकार के संबंधित विभाग की ओर से लाइब्रेरी के नए भवन के लिए 35 लाख 50 हजार 685 रुपये आवंटित किए गए।
टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। आवंटित धनराशि से लाइब्रेरी के दोतल्ले भवन निर्माण की परियोजना है। लेकिन पुलिस द्वारा लाइब्रेरी का पक्का भवन खाली नहीं किए जाने के कारण नया भवन नहीं बन पा रहा है। लाइब्रेरियन कालीदास दास व कर्मचारी भुवनेश्वर वर्मन ने कहा कि नया भवन बनने से काफी सुविधा होगी। लकड़ी का भवन जर्जर होने के कारण काफी समस्या हो रही है। छत से बरसात में पानी टपकता है। पुस्तकें भीग कर नष्ट हो रही हैं। लाइब्रेरी में दो कंप्यूटर समेत कई मूल्यवान संपत्ति है। इसलिए जल्द लाइब्रेरी के नए भवन की आवश्यकता है।
लाइब्रेरी प्रबंधन का कहना है कि कमरा खाली करने के लिए लिखित व मौखिक रूप से पुलिस से अनुरोध किया गया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। लाइब्रेरी के नए भवन के लिए धनराशि आवंटित हो चुकी है। रुपये आ चुके हैं। अगर आवंटित धनराशि खर्च नहीं की गई तो उसे वापस चले जाने की संभावना है।
लाइब्रेरी के नए भवन निर्माण के लिए पुराने भवन की कई सामग्री नीलाम कर दी गई हैं। लाइब्रेरी संचालन कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत सरकार ने कहा कि तीन महीने से पुलिस को लाइब्रेरी का कमरा खाली करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। इस तरह से विकास का काम रोका जाना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर, मेखलीगंज थाना सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घटना की जानकारी आला अफसरों को दी गई है। उच्च अधिकारियों से निर्देश नहीं आने तक कुछ नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि लाइब्रेरी में दो भवन हैं। एक लकड़ी का व दूसरा पक्का। स्थानीय लोगों की सुरक्षा की खातिर स्थानीय व्यवसायियों व प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक के बाद लाइब्रेरी के पक्के भवन में अस्थायी रूप से पुलिस कैंप चालू किया गया था। आपातकालीन स्थिति के लिए पुलिस के अनुरोध पर लाइब्रेरी कमेटी की ओर से तीन महीने के लिए पुलिस कैंप के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन तीन महीने बाद भी पुलिस ने लाइब्रेरी का कमरा खाली नहीं किया। लाइब्रेरी की जर्जर स्थिति को देखते हुए संचालन कमेटी ने संबंधित विभाग से इसके नए भवन के लिए गुहार लगाई थी। इसके बाद राज्य सरकार के संबंधित विभाग की ओर से लाइब्रेरी के नए भवन के लिए 35 लाख 50 हजार 685 रुपये आवंटित किए गए।
टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। आवंटित धनराशि से लाइब्रेरी के दोतल्ले भवन निर्माण की परियोजना है। लेकिन पुलिस द्वारा लाइब्रेरी का पक्का भवन खाली नहीं किए जाने के कारण नया भवन नहीं बन पा रहा है। लाइब्रेरियन कालीदास दास व कर्मचारी भुवनेश्वर वर्मन ने कहा कि नया भवन बनने से काफी सुविधा होगी। लकड़ी का भवन जर्जर होने के कारण काफी समस्या हो रही है। छत से बरसात में पानी टपकता है। पुस्तकें भीग कर नष्ट हो रही हैं। लाइब्रेरी में दो कंप्यूटर समेत कई मूल्यवान संपत्ति है। इसलिए जल्द लाइब्रेरी के नए भवन की आवश्यकता है।