उन्नत तकनीक से रूकेगा प्रश्नपत्र लीक, सीबीएसइ परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने से लिया सबक

सीबीएसइ परीक्षा से प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग अगले साल की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करेगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 05 Jun 2018 12:23 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jun 2018 12:36 PM (IST)
उन्नत तकनीक से रूकेगा प्रश्नपत्र लीक, सीबीएसइ परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने से लिया सबक
उन्नत तकनीक से रूकेगा प्रश्नपत्र लीक, सीबीएसइ परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने से लिया सबक

कोलकाता, जागरण संवाददाता। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरुप ने कहा कि सीबीएसइ परीक्षा से प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग अगले साल की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करेगा।

मालूम हो कि मार्च महीने में 12 वीं कक्षा की अर्थशास्त्र के प्रश्नपत्र लीक होने के बाद सीबीएसइ पर सवाल खड़ा किया गया था। इस दौरान लाखों छात्र प्रभावित हुए और परीक्षा को पुन: आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। इस पर स्वरुप ने कहा कि शिक्षा सचिव ने यह पता लगाने के लिए एक समिति नियुक्त की है ताकि इस इसकी पुनरावृत्ति को रोका जा सके। समिति अगले साल से उन्नत तकनीक इस्तेमाल करने पर भी सुझाव देगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि उक्त पेपर लीक मामले में सीबीएसइ का कोई अधिकारी शामिल नहीं था और यह कुछ तकनीक सक्षम लोगों के द्वारा किया गया था। स्वरुप ने कहा कि आज तकनीक हमें उस मोड़ पर लाया है कि हमें सुधार पर विचार करना होगा। हमें यह देखना होगा कि भविष्य में कुछ स्मार्ट लोग इसकी पुनरावृत्ति न कर सके।

यह पूछे जाने पर कि पेपर लीक की शिकायत एक छात्र के द्वारा दी गई थी, स्वरुप ने कहा कि हमें सैकड़ों मेल मिलते हैं और यदि हमारे अधिकारी को पेपर लीक की जानकारी सुबह 10.15 बजे मेल मिलता है, तो यह संभव नहीं कि आप 4,000 केंद्रों पर परीक्षा रोक दे जहां कि 11 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल होते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि प्रत्येक स्कूल ने नर्सरी की स्थापना की जाय ताकि विद्यार्थियों को पता चले कि कैसे पौधे बढ़ते हैं। हमें हमेशा औपचारिक फैशन में पढ़ाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए?

वहीं, पश्चिम बंगाल में एनइइटी राष्ट्रीय चिकित्सा प्रवेश परीक्षा आयोजित करने में अनियमितताओं के आरोप पर स्वरुप ने कहा कि एनइइटी सीबीएसइ द्वारा बहुत अच्छी तरह से परीक्षा आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बांग्ला में प्रश्न पत्र चाहते थे जबकि प्रश्न पत्र अंग्रेजी में था।

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