कवि सम्मेलन आयोजित

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : साहित्यिक संस्था 'कालजयी मंच' के तत्वावधान में गुरुवार को एक कवि सम्मेलन

By Edited By: Publish:Thu, 02 Jul 2015 08:15 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2015 08:15 PM (IST)
कवि सम्मेलन आयोजित

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : साहित्यिक संस्था 'कालजयी मंच' के तत्वावधान में गुरुवार को एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। व्यंगकार महाबीर चाचान की अध्यक्षता व साहित्यकार भिखी प्रसाद 'विरेंद्र' के आवास पर आयोजित उक्त कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मणीपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कंचन शर्मा ने 'बहस के बाजार में 'भुख' कहीं नहीं है, 'रोटी' शब्द ही खो गया है पुरी दुनिया से' रोटी शीर्षक पर आधारित इस कविता के माध्यम से भुखमरी पर चिंता जाहिर की, तो महिलाओं के खिलाफ सक्रिया सामंती विचारधाराओं को अपने 'औरत' शीर्षक की कविता के माध्यम से करारा प्रहार किया। 'तालाब में कंकड़' की पद्य शैली में लिखी भूमिका के माध्यम से राजनीति प मीडिया पर जमकर कटाक्ष किया। साहित्यकार ओम प्रकाश पांडेय ने वर्तमान सृजन धर्मिता की सीमाओं का परिचय देते हुए कविता के लिए फकीर होने को अनिवार्य बताया। डॉ भिखी प्रसाद 'विरेंद्र' ने 'राहें' कविता में विचारधारा के द्वंद के परिणामों को वर्णित किया। व्यंगकार महाबीर चाचान ने 'नौकर' शीर्षक पर आधारित वर्तमान महानगरीय जीवन में निर्मित हो रहे विडंबनात्मक दामपत्य से परिचय कराते हुए जमकर व्यंग्य किया। साहित्यकार डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 'भटके हुए लोग' कविता में व्यक्ति स्तर पर शांति की तलाश में घटित आध्यात्मिक भटकाव से मुक्ति को अनिवार्य बताया। 'कालजयी मंच' के महासचिव 'हर सिंगार की ठूंठ' कविता में निराशा के बीच आशा की किरण को महत्व प्रदान किया। कवि विनोद सरावगी ने 'उम्मीद' कविता में प्रतिकूल के बीच बचे भावो में निहित संभावनाओं का उल्लेख किया। सिलीगुड़ी कॉलेज के प्रोफेसर अजय कुमार साव ने 'मंत्र' कविता में आर्थिक सफलता के क्रूर परिणाम के तहत आत्म साक्षात्कार को प्रेरित किया।

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