दुर्गापुर में काबुलीवाले की हत्‍या का राज एक चाबी से खुला, जानिए कैसे

दुर्गापुर के बेनाचिति महिष्कापुर प्लाट स्थित एक मकान में काबुली वाले की हत्या का रहस्‍योदघाटन पुलिस ने मकान में लगे ताले की चाबी से कर दिया। दुर्गापुर पुलिस के लिए काबुली वाले की हत्या की गुत्थी को सुलझाना बड़ी सफलता मानी जा रही है।

By Manjay Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 06 Sep 2022 07:13 PM (IST) Updated:Wed, 07 Sep 2022 01:28 PM (IST)
दुर्गापुर में काबुलीवाले की हत्‍या का राज एक चाबी से खुला, जानिए कैसे
प्रेस कॉन्‍फेंस में मीडिया के सामने हत्‍या का राज फाश करती पुलिस। जागरण फोटो।

दुर्गापुर, जागरण संवाददाता। दुर्गापुर के बेनाचिति महिष्कापुर प्लाट स्थित एक मकान में काबुली वाले की हत्या का रहस्‍योदघाटन पुलिस ने मकान में लगे ताले की चाबी से कर दिया। दुर्गापुर पुलिस के लिए काबुली वाले की हत्या की गुत्थी को सुलझाना बड़ी सफलता मानी जा रही है। पिछले शुक्रवार की रात महिष्कापुर स्थित किराये के मकान में मोहम्मद हसम उर्फ आजम खान का शव बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी गई थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने उसके रसोइया बांकुड़ा जिला निवासी जौहर अली शेख को गिरफ्तार किया।

यूं खुला चाबी से हत्‍या का राज

पुलिस को इस जांच में सबसे अहम सुराग चाबी से मिली। दरअसल, हत्या के बाद जौहर मकान में ताला लगाकर आराम से बांकुड़ा अपने घर चला गया। वहां से बड़जोड़ा के हाटआशुरिया अपने ससुराल में रात गुजारी। जहां से पुलिस ने उसे शुक्रवार की रात ही हिरासत में लिया। हत्या के बाद घर में ताला लगाने से स्पष्ट था कि किसी जानकार ने इस घटना को अंजाम दिया है। इस कारण पुलिस पहले उस घर में नियमित आने वाले की पहचान की। इसमें रसोइया की पहचान हुई। पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसकी बातों में विसंगति पाने पर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ करने पर हत्या के रहस्य का ताला खुल गया। अंत में पुलिस द्वारा सख्ती दिखाने पर उसने एक-एक कर अपना दोष स्वीकार किया। उसके घर से पुलिस ने ताले की चाबी भी बरामद की जिसे हत्या के बाद अपने साथ लेकर गया था। चाबी के साथ-साथ पुलिस ने नकद, सोने के कंगन, हत्या में उपयोग किया गया दरवाजे का बड़ा कील, एक रजिस्टर आदि बरामद किया।

रुपया वापस करने के दबाव रची हत्या की साजिश :

पुलिस को जांच में पता चला कि जौहर ने योजना के तहत काबुलीवाले की हत्या । पुलिस के सामने उसने स्वीकार किया कि वह काबुली वाले से कर्ज लिया था। उस रुपया को लौटाने के लिए काबुली वाला दबाव दे रहा था। इसे लेकर दोनों में विवाद भी हुआ था। शुक्रवार की सुबह काबुलीवाले की इच्छा पर वह चाय भी पिलाया। हालांकि दूध खराब हो जाने के कारण विवाद हुआ। इसके बाद जब वह पेपर पढ़ रहा था, उसी समय दरवाजे की कील से वार कर हत्या को अंजाम दिया। शरीर में सात-आठ जगह जख्म के निशान भी मिले थे।

परिवार के सदस्य की तरह जौहर को रखा :

काबुली वाला दुर्गापुर के महिष्कापुर में करीब एक साल से किराये के मकान पर रहता था। वह सूद पर रुपये देने के साथ-साथ ठंड में गर्म कपड़ा, काजू-अखरोट का व्यापार भी करता था। आरंभ से ही जौहर उसके साथ था। उसके लिए खाना बनाने के साथ-साथ उसके व्यवसायिक कार्य को भी संभालता था। वह उसका रुपया भी कलेक्शन करता था। मोहम्मद हसम की पहचान काबुलीवाले के रूप में है, जो अफगानिस्तान के काबुल का निवासी था। वह काफी समय से भारत में रहता था। हत्या के बाद उसके कई परिचित भी पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने फिलहाल उसके अफगानी नागरिक होने की संभावना से इन्कार किया है। पुलिस का कहना है कि उसके जो कागजात मिले हैं, उससे पता चलता है कि वह यहां का निवासी था। 

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