निजीकरण व नई पेंशन नीति के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई
आसनसोल लॉकडाउन में जब पूरा देश अपने घरों में बंद रहा उस समय रेलकर्मियों के सहयोग स
आसनसोल : लॉकडाउन में जब पूरा देश अपने घरों में बंद रहा, उस समय रेलकर्मियों के सहयोग से देश के विभिन्न हिस्सों में 10500 से भी ज्यादा मालगाड़ी चलाकर देश के लोगों के लिए खाद्यान्न भेजा गया।
देश की विभिन्न हिस्सों में फंसे 2.46 लाख लोगों को स्पेशल ट्रेन चलाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम किया गया। बुधवार को आसनसोल स्टेशन परिसर में आयोजित सभा में उपस्थित रेलकर्मियों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया रेल फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि रेलवे में लगभग 12 लाख कर्मी कार्यरत हैं। इसमें लगभग सात लाख युवा रेलकर्मी हैं। युवा सपने लेकर रेलवे में आ रहे हैं। जो काफी पढ़े-लिखे हैं। अफसोस व्यक्त किया कि देश में रोजगार की नीति नहीं है। योजनाओं के अनुरूप नीति होती तो युवा रेलवे में नहीं आते। केंद्र सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए कहा कि कल-कारखानों को बेचने की नीति बनाई जा रही है। जबकि रेलवे कोई व्यवसायिक नहीं बल्कि सामाजिक संस्था है। कहा कि निजीकरण के खिलाफ व नई पेंशन योजना को रद करने की मांग को लेकर की लड़ाई जारी रहेगी। कहा कि बीते मार्च में संसद घेराव का कार्यक्रम था, लेकिन कोविड-19 के कारण रद कर दिया गया। लेकिन अब निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान फेडरेशन के सदस्यों से किया। सभा के माध्यम से फेडरेशन ने शक्ति का प्रदर्शन किया। सभा में पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के महासचिव अमित कुमार घोष, अध्यक्ष दिलीप दत्त चौधरी, केंद्रीय नेता एमकेपी सिंह, सुधीर राय, एमएस मंडल, प्रवीण कुमार झा, कुणाल घोष सहित बड़ी संख्या में रेलकर्मियों ने भाग लिया। सभा को संबोधित करने के बाद एआइआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने आसनसोल रेल मंडल प्रबंधक सुमित सरकार से मुलाकात कर रेल मंडल के अधीन कार्यरत कर्मियों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।