न्यायालय की फटकार के बाद पुलिस आयुक्त ने दिया जांच का आदेश

आसनसोल : जामुड़िया थाना के धंसल गांव में एक घर में हुई चोरी की घटना में आरोपितों के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 11:44 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 11:44 PM (IST)
न्यायालय की फटकार के बाद पुलिस आयुक्त ने दिया जांच का आदेश
न्यायालय की फटकार के बाद पुलिस आयुक्त ने दिया जांच का आदेश

आसनसोल : जामुड़िया थाना के धंसल गांव में एक घर में हुई चोरी की घटना में आरोपितों के साथ बुरी तरह से मारपीट किये जाने के मामले में न्यायालय द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाये जाने के बाद पुलिस आयुक्त ने मामले की विभागीय जांच के आदेश दिये है। पुलिस आयुक्त एलएन मीणा ने कहा कि मामले की विभागीय जांच की जाएगी और दोषी पाये जाने पर उचित कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी ओर, इस मामले में न्यायालय से रिहाई होने के बाद भी शारीरिक स्थिति सही नहीं होने को लेकर महिला आरोपित चायना खां व उसके दामाद सुखेन मंडल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मालूम हो कि धंसल गांव में चोरी की घटना को लेकर केंदा फाड़ी पुलिस ने उक्त घर में नौकरानी का कार्य करने वाली चायना खां समेत चार को गिरफ्तार किया था। अस्पताल में इलाजरत चायना ने बताया कि सोना दे नामक व्यक्ति के घर में पिछले कई वर्षों से कार्य करती है। गत 9 सितंबर की सुबह अन्य दिनों की तरह कार्य कर वह एक रिश्तेदार के घर चली गई। शाम को लौटी तो पता चला सोना दे सपरिवार कहीं गए थे। उसी दौरान दिन में ही घर में चोरी हो गई। बताया जाता है कि सोना दे ने केंदा फाड़ी में शिकायत लिखवाई लेकिन किसी पर आरोप नहीं लगाया। दो दिन बाद 11 सितंबर की शाम पुलिस ने चायना को पकड़ा लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया। चायना ने बताया कि इसके बाद देर रात उसे पुन: घर से ले जाया गया। उसके दामाद सुखेन मंडल समेत तीन अन्य को भी केंदा फाड़ी लाया गया और रात भर पिटाई की गई। बुधवार की सुबह जब ग्रामीणों ने फाड़ी पहुंचकर निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी पर विरोध जताते हुए रिहाई की मांग की तो उनलोगों को जामुडिया थाना शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार रात में वहां भी जमकर पिटाई की गई। गुरुवार को अखलपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन उनलोगों को चिकित्सक के समक्ष मुंह नहीं खोलने को कहा गया। उसी दिन जब आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया तो आरोपितों ने न्यायधीश को पूरी घटना बता दिया। इसके बाद ही संबंधित पुलिस अधिकारियों को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया। न्यायालय ने न केवल चायना समेत सभी चारों आरोपितों को रिहा कर दिया बल्कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को फटकार भी लगाई।

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