आसमान से बरसी आफत, घर गिरने से बच्चे की मौत

जागरण संवाददाता आसनसोल बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण गुरुवार रात से जारी ब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:27 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:27 PM (IST)
आसमान से बरसी आफत, घर गिरने से बच्चे की मौत
आसमान से बरसी आफत, घर गिरने से बच्चे की मौत

जागरण संवाददाता, आसनसोल : बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण गुरुवार रात से जारी बारिश शुक्रवार को पूरे दिन होते रही। भारी बारिश के कारण शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। आसनसोल शहर के विभिन्न इलाकों में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों कच्चे मकान गिरकर मलबे में तब्दील हो गए हैं। मकान गिरने से पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई जबकि महिला व दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।

बताया जाता है कि लगातार बारिश के कारण आसनसोल नगर निगम के 15 नंबर वार्ड स्थित केडी सिंह कोलियरी के बोरिगपाडा इलाके में निगम प्रशासक बोर्ड सदस्य श्याम सोरेन के घर के पास स्थित दो मिट्टी के घर ढह गए। मिट्टी के घर ढहने से घर का सामान मलबे में दब गया। जबकि एक घर में दो बच्चे व एक घर के एक बच्चा व महिला घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को जिला अस्पताल लाया गया। जिसमें पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई, जिसकी पहचान निखिल बास्की के रूप में हुई है। इस घटना को लेकर इलाके में भय का माहौल है। सूचना पाकर मौके पर निगम प्रशासक बोर्ड सदस्य श्याम सोरेन सहित स्थानीय लोग मदद के लिए आए तथा घर के लोगों को सुरक्षित जगह पर रखा गया। स्थानीय लोगों की मदद से मलबे की साफ-सफाई की गई। घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है। निगम चेयरमैन अमरनाथ बनर्जी घायलों का हालचाल लेने जिला अस्पताल पहुंचे और घर बनवाने व हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

घरों में भरा पानी : गुरुवार रात से लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के निचले इलाके जलमग्न हो गये। गारूई नदी के किनारे रेलपार अंचल में सैकड़ों घर पानी में डूब गए। जिसके कारण लोगों को पलायन कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं विभिन्न ग्रामीण हिस्सों में दर्जनों कच्चे मकान ध्वस्त होने की भी सूचना है। कई इलाकों का तो संपर्क ही शहर से टूट गया है। इसी तरह बारिश जारी रही तो स्थिति और भयावह होने का खतरा है। सेनरेले रोड स्थित रेलवे पुल में पानी भर गया है। सड़कों पर पानी इस कदर बह रहा है, जैसे सड़के नदी में तब्दील हो गई हों। लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। रेलवे पुल में पानी जमा हो जाने के कारण पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही। शहर के दिलदारनगर, रेलपार, बर्नपुर शास्त्री नगर आदि इलाके में इस भारी बारिश से जलजमाव की चपेट में करीब 300 से ज्यादा मकान आ गए हैं। लोगों के घरों में घुटने भर से ज्यादा पानी समा गया है। उधर धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। रोपे गए धान के बिचड़े बारिश के पानी में डूब गए हैं, जिससे किसानों में मायूसी छाई है।

बारिश से प्रभावित हुआ ओसीपी का कोयला उत्पादन : बीती रात से हो रही बारिश के कारण सातग्राम, श्रीपुर और कनुस्तोड़िया एरिया में संचालित ओसीपी का कोयला उत्पादन प्रभावित रहा। जिसके कारण कोयला की ट्रांसपोर्टिंग भी बंद रही। इस संबंध में कोलियरी प्रबंधन ने बताया कि ओपेन कास्ट में जब भी बारिश होती है तो कोयला का उत्पादन प्रभावित होता है। क्योंकि खुली खदान के कारण बारिश का पानी निचले हिस्से में जमा हो जाता है। बारिश खत्म होने के बाद मोटर पंप के माध्यम से जमा पानी को निकाला जाता है। इसके बाद ही उत्पादन संभव हो पाता है। ओसीपी से कोयला उत्पादन नहीं होने से वहां कोयला का आवागमन भी बंद रहा। वही इस बारिश से भूगर्भीय खदान पर कोई प्रभाव नहीं है। भूगर्भीय खदान से कोयला का उत्पादन सामान्य दिन की तरह हो रहा है। सातग्राम एरिया में डामालिया, श्रीपुर में कालीपहाड़ी एवं भनौड़ा ओसीपी संचालित है। जबकि कनुस्तोड़िया एरिया में नार्थ सियारसोल और पारासिया में ओसीपी संचालित है।

दीवार ढ़हने से बाल-बाल बचा परिवार : लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं निचले इलाके में जलजमाव से लोगों पर आफत टूट पड़ी है। रास्तों पर सन्नाटा पसरा है। वहीं रानीगंज थाना के महावीर कोलियरी इलाके में एक दीवार ढहने से परिवार के लोग बाल-बाल बच गए। इसी क्रम में रानीगंज के प्रशासक पूर्ण शशि राय ने रानीगंज के जर्जर मकानों का जायजा लिया। रानीगंज के निचले इलाके में हुसैन नगर व राजा बांध शामिल है। महावीर कोलियरी में विनोद कुमार बावरी के मकान की दीवार गिर गई। रानीगंज के प्रशासक पूर्ण शशि राय ने कहा कि हमने रानीगंज के कई जर्जर मकानों का जायजा लिया, जिसमें सोसटी गोरिया के एक मकान का भी जायजा लिया है। ऐसे कई मकान इस शहर में है जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। निगम की ओर से इन मकान मालिकों को पत्र भी दिया गया है। इसके बावजूद पुराने जर्जर मकानों को नहीं तोड़ा गया है। अब निगम की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

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