अखाड़ा बना संस्कृत महाविद्यालय

By Edited By: Publish:Tue, 26 Aug 2014 04:36 PM (IST) Updated:Tue, 26 Aug 2014 04:36 PM (IST)
अखाड़ा बना संस्कृत महाविद्यालय

संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी: श्री काशी विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय में प्रधानाचार्य पद के लिए खींचतान जारी है। प्रबंध समिति व शासन की ओर से तैनात प्रधानाचार्य के बीच चल रहे विवाद का खामियाजा शिक्षकों व छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं, तैनात प्रधानाचार्य के समर्थक शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन व मानदेय भी रोक दिया गया है।

वर्ष 2012 में संस्कृत महाविद्यालय में कैलाश चंद्र हरबोला की नियुक्ति शासन ने प्रधानाचार्य पद पर की थी, लेकिन महाविद्यालय प्रबंध समिति ने यह तैनाती अवैध मानते हुए महाविद्यालय के ही सहायक अध्यापक उमेश प्रसाद बहुगुणा को प्रभारी प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त कर दिया। प्रबंध समिति ने कैलाश चंद्र हरबोला का वेतन भी रोक दिया। हालांकि वर्ष 2013 में उन्हें तीन माह के वेतन भुगतान किया गया, लेकिन प्रधानाचार्य की कुर्सी को चहेते शिक्षक को देने के लिए प्रबंधन समिति का अड़ियल रवैया जारी रहा। शासन की ओर से नियुक्त कैलाश चंद्र हरबोला के समर्थन में उतरने वाले महाविद्यालय में तैनात शिक्षकों को भी प्रबंधन समिति किनारे लगाने की कोशिश करने लगी । आलम यह है कि महाविद्यालय में हरबोला के समर्थन में उतरे शिक्षकों का समिति ने लंबे समय से वेतन रोका हुआ है। स्कूल में तैनात शिक्षक मदन मोहन भट्ट को आठ महीने, देवी प्रसाद थपलियाल को पांच महीने व शशिकांत मिश्रा को दो साल से मानदेय नहीं दिया जा रहा है। वहीं, दशरथ प्रसाद भट्ट का सत्रलाभ भी समिति ने छह महीने से रोका हुआ है। छात्रों की मानें तो स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के आए दिन महाविद्यालय आकर शैक्षणिक गतिविधियां रोकने से उन्हें नुकसान हो रहा है।

समिति के सदस्यों पर लगाया आरोप

महाविद्यालय में तैनात शिक्षक शशिकांत मिश्रा ने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में शशिकांत मिश्रा ने समिति पर आरोप लगाया है कि समिति ने अप्रैल 2012 से मानदेय का भुगतान रोकने के साथ ही कॉलेज से मिले आवासीय भवन की बिजली भी कटवा दी। मिश्रा ने समिति के सदस्य रामचंद्र उनियाल, विनोद व्यास व चिरंजी प्रसाद सेमवाल पर परिवार को डराने धमकाने का आरोप लगाया है।

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संस्कृत महाविद्यालय में चल रहे विवाद की डिप्टी कलक्टर से जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी तथ्य उजागर होंगे उनके अनुरूप महाविद्यालय को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-सी रविशंकर, जिलाधिकारी

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