डीएम के साथ ही सात सौ कांवड़ यात्रियों को सड़क पर गुजारनी पड़ी रात

डबराणी के निकट गंगोत्री हाईवे पर जबरदस्त भूस्खलन होने से मार्ग बंद हो गया।जिससे जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान समेत करीब 700 कांवड़ यात्री वहा फंस गए थे।

By BhanuEdited By: Publish:Fri, 10 Aug 2018 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 11 Aug 2018 08:34 AM (IST)
डीएम के साथ ही सात सौ कांवड़ यात्रियों को सड़क पर गुजारनी पड़ी रात
डीएम के साथ ही सात सौ कांवड़ यात्रियों को सड़क पर गुजारनी पड़ी रात

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मौसम आम जन जीवन पर भारी पड़ रहा है। गुरुवार को उत्तरकाशी जिले के धराली कस्बे में खीर गंगा से हुई तबाही का जायजा लेकर लौट रहे जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान और करीब सात सौ कांवड़ यात्री जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर डबराणी नाम के कस्बे में फंस गए। जबरदस्त भूस्खलन के चलते गंगोत्री हाईवे फिर बंद हो गया। शाम करीब सात बजे बंद हुआ मार्ग शुक्रवार सुबह 10 बजे खोला जा सका। प्रशासन ने यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन सभी को रात अपने वाहनों में ही बितानी पड़ी।

जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि शाम करीब पांच बजे धराली से लौटते हुए जब डबराणी पहुंचे तो चट्टान दरकने से मार्ग बंद हो गए। इस पर लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जवानों ने मलबा हटाने का प्रयास किया, लेकिन चट्टान दरकने का सिलसिला जारी रहा। इसी के साथ मौसम खराब होने के कारण मलबा हटाना संभव नहीं हो पाया। रात को एक बार फिर प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंधेरा गहराने के बाद काम रोक दिया गया। रात दो बजे जिलाधिकारी पास के सुक्की गांव चले गए। सुबह चार बजे एक बार फिर मलबा साफ करना शुरू किया गया और करीब छह घंटे बाद यातायात सुचारु किया जा सका।

पहाड़ों में 90 मार्ग बंद

भूस्खलन के चलते प्रदेश में 90 मार्ग बंद हैं। मार्गों पर मलबा आने का सिलसिला जारी है। देहरादून जिले में चकराता -कालसी मार्ग भी मलबा आने के कारण करीब नौ घंटे बाधित रहा। हालांकि केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे पर यातायात सुचारु रहा। जबकि यमुनोत्री मार्ग दो स्थानों पर अब भी बंद है। दूसरी ओर बीआरओ ने जोशीमठ-मलारी मार्ग पर भी आवाजाही बहाल कर दी। चीन सीमा को जोडऩे वाला यह मार्ग गुरुवार को मलबा आने से बंद हो गया था।

प्रदेश में तीन दिन संवेदनशील

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से सोमवार तक मौसम के लिहाज से संवेदनशील समय है। इस दौरान देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार इस दौरान यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। 

मलबा आने से सड़क बंद, चीन सीमा तक आवाजही ठप

जोशीमठ मलारी मार्ग पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया। इससे सेना के वाहन भी चीन सीमा तक आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। सीमा सड़क संगठन के कमांडर एसएस मक्कड़ के अनुसार मार्ग को देर रात तक सुचारु कर दिया जाएगा। 

प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में ग्रामीण क्षेत्र अब भी जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। प्रदेश में मलबा आने से 113 सड़कों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मुसीबत बन बरस रहे हैं बादल, जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में मूसलाधार बारिश से नदी-नालों में उफान, कई इलाकों में बाढ़ का खतरा

chat bot
आपका साथी