गंगोत्री मंदिर के सात फेरे लेकर किया दाम्पत्य जीवन में प्रवेश

विजयदशमी के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम में एक अनूठा दृश्य देखने को मिला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 10:33 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:03 AM (IST)
गंगोत्री मंदिर के सात फेरे लेकर किया दाम्पत्य जीवन में प्रवेश
गंगोत्री मंदिर के सात फेरे लेकर किया दाम्पत्य जीवन में प्रवेश

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : विजयदशमी के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम में एक अनूठा दृश्य देखने को मिला। तीन जोड़े यहां विवाह बंधन में बंधे और इस दौरान उन्होंने गंगोत्री मंदिर की सात परिक्रमा कर फेरों की रस्म निभाई। मां गंगा को साक्षी मान सात वचन भी दिए। सादगी से संपन्न हुए विवाह में स्वजनों के अलावा तीस तीर्थ पुरोहित बराती के तौर पर शामिल हुए।

गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा गांव के रहने वाले मनीष सेमवाल, जसपुर गांव के सुरेश और सारी गांव के दीपेंद्र पंवार ने निर्णय लिया कि वे अपना विवाह समारोह का आयोजन गंगोत्री धाम में सादगी के साथ करेंगे। फोन पर दूल्हा बने मुखवा के मनीष सेमवाल ने बताया कि वह स्वयं गंगोत्री धाम में तीर्थपुरोहित हैं। उनका विवाह मुखवा गांव की ही मनीषा के साथ हुआ है। मनीषा हरिद्वार के एक निजी चिकित्सालय में काम करती हैं। मनीष के अनुसार उन दोनों ने तय किया था कि कोरोना काल में यदि गांव में समारोह का आयोजन किया जाता तो भीड़ होनी थी। इसीलिए उन्होंने गंगोत्री धाम में विवाह करने का निश्चय किया। जसपुर के सुरेश ने भी कुछ ऐसे ही विचार के साथ गंगोत्री धाम में विवाह का निर्णय लिया। वह कहते हैं कि कोरोना काल में परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में सादगी से विवाह करने में ही समझदारी थी। इसमें दोनों परिवारों ने भी उनका साथ दिया।

गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित एवं गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि निसंदेह युवाओं की यह पहल और के लिए भी मिसाल है। कोरोना काल में भीड़ से बचने के साथ ही विवाह में होने वाले अनावश्यक खर्च से परहेज कर इन जोड़ों ने समाज को भी संदेश दिया है।

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