मायके से ही मैली हो रही भागीरथी, सुध लेने वाला नहीं कोर्इ

भागीरथी अपने उद्गम स्थान से ही बेहद गंदी है और उसकी सुध लेने वाला भी कोर्इ नहीं है। स्वच्छता अभियान चलने के बाद भी यहां गंदगी का अंबार लगा है।

By raksha.panthariEdited By: Publish:Tue, 19 Sep 2017 02:20 PM (IST) Updated:Tue, 19 Sep 2017 08:48 PM (IST)
मायके से ही मैली हो रही भागीरथी, सुध लेने वाला नहीं कोर्इ
मायके से ही मैली हो रही भागीरथी, सुध लेने वाला नहीं कोर्इ

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: भागीरथी (गंगा) की सेहत अपने मायके में ही दुरुस्त नहीं है। गंगोत्री से लेकर चिन्यालीसौड़ तक जगह-जगह छोटे कस्बों की गंदगी और कूड़ा सीधे भागीरथी में प्रवाहित हो रहा है, लेकिन इस ओर किसी की नजर नहीं है। सबसे खराब स्थिति गंगोत्री से 25 किलोमीटर पहले धराली कस्बे की है। यहां तो प्लास्टिक युक्त कूड़ा भी भागीरथी में डाला जा रहा है। यह हाल तब है, जब गंगा स्वच्छता के नाम पर कई अभियान चल रहे हैं। 

उत्तरकाशी के गंगोरी, भटवाड़ी, नेताला, गंगनानी, हर्षिल, धराली और गंगोत्री में कूड़ा निस्तारण की कोई भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में व्यापारी व स्थानीय लोग कूड़े को सीधे गदेरों या फिर भागीरथी के किनारे डाल देते हैं, जो सीधे भागीरथी में जा रहा है। हैरत देखिए कि इन स्थानों पर कोई भी संगठन स्वच्छता अभियान चलाने को तैयार नहीं। अभियान की औपचारिकता  तो वहीं निभाई जाती है, जहां फोटो खिंचवाने में सहूलियत हो। 

तेखला का सारा कूड़ा भागीरथी में 

सबसे खराब स्थिति धराली बाजार की है। बाजार का पूरा कचरा सीधे भागीरथी में पहुंच रहा है। यही हाल उत्तरकाशी के तेखला की है। यहां नगर पालिका द्वारा तेखला गदेरे में डाला जा रहा कूड़ा सीधे भागीरथी में पहुंचता है। चिन्यालीसौड़, धरासू व डुंडा में भी स्वच्छता की स्थिति बेहद चिंताजनक है। 

वहीं उत्तरकाशी के एडीएम ने बताया कि इन दिनों स्वच्छता अभियान चल रहा है, जो कि एक अक्टूबर तक जारी रहेगा। जहां-जहां कूड़ा बिखरा है, इस दौरान उसे एकत्र कर उचित स्थान पर डाला जाएगा। 

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