मेरे लिए एवरेस्ट से बड़ी चुनौती थी पढ़ाई: बछेंद्री पाल
उत्तरकाशी के राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में पद्म भूषण बछेंद्री पाल ने मेधावी बालिकाओं को सम्मानित किया। बछेंद्री पाल ने कहा कि उनके लिए एवेरेस्ट से बड़ी चुनौती थी पढ़ाई करना।
उत्तरकाशी, जेएनएन। पहली भारतीय महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने कहा कि उनके लिए एवेरेस्ट से बड़ी चुनौती थी पढ़ाई करना। उन्होंने कहा कि 'मेरा सपना था डॉक्टर बनूं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अनुकून नहीं थी। किसी तरह मां के कहने पर पिता स्नातकोत्तर व बीएड कराने को तैयार हुए।
शुक्रवार को उत्तरकाशी के राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली में पद्म भूषण बछेंद्री पाल ने मेधावी बालिकाओं को सम्मानित किया। इस दौरान बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे माता-पिता सौभाग्यशाली हैं, जिनके घर बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ की बेटियों में अद्भुत क्षमता है और इसके दम पर वह कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं।
राजकीय इंटर कालेज भंकोली में गत वर्ष बोर्ड व गृह परीक्षा में बालिकाओं के द्वारा शत प्रतिशत उतीर्ण होने पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत 33 बालिकाओं को उत्कृष्ट बालिका सम्मान प्रदान किया।
अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि घर के हालात ने उनके सामने भी अड़चनें पैदा कीं, लेकिन वह विचलित नहीं हुईं। कुछ कर गुजरने की चाहत ही थी कि उन्होंने सागरमाथा पर तिरंगा लहराया। इस मौके पर बछेंद्री पाल ने राजकीय इंटर कालेज भंकोली की पूर्व छात्रा और एवरेस्ट विजेता पूनम राणा को भी सम्मानित किया। पूनम राणा ने बीते वर्ष एवरेस्ट फतह किया है।
पूनम राणा ने कहा कि बछेंद्री पाल की प्रेरणा से ही उन्हें एवरेस्ट विजेता बनने का सौभाग्य मिला। कार्यक्रम में रिलायंस फाउंडेशन के परियोजना निदेशक कमलेश गुरुरानी प्रधानाचार्य के कामदेव ङ्क्षसह पंवार, ग्राम प्रधान नौगांव टिकड़ी देवी, ग्राम प्रधान भंकोली महादेव सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य नौगांव विमला देवी व क्षेत्र पंचायत भंकोली बिन्द्रा देवी भी उपस्थित थीं।
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