शराब की दुकान बंद कराने पर अड़ी महिलाएं, जिद के आगे प्रशासन झुका

काशीपुर में शराब की मिश्रित दुकान हटाने को लेकर महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया। महिलाओं का गुस्सा शांत होता ना देख पुलिस प्रशासन भी वहां से चलता बना।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 01 Aug 2017 08:35 PM (IST) Updated:Tue, 01 Aug 2017 10:44 PM (IST)
शराब की दुकान बंद कराने पर अड़ी महिलाएं, जिद के आगे प्रशासन झुका
शराब की दुकान बंद कराने पर अड़ी महिलाएं, जिद के आगे प्रशासन झुका

काशीपुर, [जेएनएन]: उधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में शराब की मिश्रित दुकान हटाने को लेकर महिलाओं का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शराब कारोबारी अनुज्ञापी के दुकान खोलते ही महिलाएं लाठी-डंडो से लैश होकर वहां जा धमकी। साथ ही अनुज्ञापी से शराब की दुकान बंद करने को कहा। दुकान बंद न करने पर महिलाएं भड़क गईं। इस दौरान उन्होंने दुकान में तोड़-फोड़ शुरु कर दी। मामला बढ़ता देख सूचना पर संयुकत मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, एएसपी डा. जगदीश चंद्र और सीओ राजेश भट्ट पुलिस बल के साथ पहुंचे। साथ ही महिलाओं को समझाने की कोशिश की। लेकिन महिलाओं ने किसी की नहीं सुनी। वह शराब की मिश्रित दुकान को वहां से हटाने की मांग पर अड़ी रहीं। 

रामनगर रोड स्थित कचनालगाजी में रविवार को देशी और अंग्रेजी शराब की मिश्रित दुकान खोली गई थी। दुकान खुलने का पता लगते ही गांव की महिलाएं भड़क गईं। पिछले तीन दिन से लगातार महिलाएं शराब की दुकान को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। सोमवार को भी जब अनुज्ञापी ने दुकान खोली तो महिलाओं ने जमकर हंगामा काटा था। इस दौरान एसएसआइ वीरेंद्र चंद्र रमोला ने दुकान बंद कराकर महिलाओं को शांत करा दिया था।

मंगलवार करीब छह बजे गांव की महिलाओं को शराब की दुकान दोबारा खुलने का पता चला तो उनका पारा चढ़ गया। सभी महिलाएं लाठी-डंडों से लैश होकर दुकान पर जा धमकीं। साथ ही दुकानस्वामी से दुकान बंद करने को कहा। दुकान बंद करने में आनाकानी करते देख महिलाओं ने मिश्रित शराब की दुकान में तोड़-फोड़ करना शुरू कर दिया। साथ ही दुकान के आसपास लगे टिनशैड को भी उखाड़ दिया। सूचना पर आबकारी निरीक्षक विष्णु थापा वहां पहुंची और महिलाओं को समझाने की कोशिश की। लेकिन महिलाओं ने एक ना सुनी। साथ ही तोड़-फोड़ करती रहीं। मामला बिगड़ता देख सूचना पर संयुकत मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, एएसपी डा. जगदीश चंद्र व सीओ काशीपुर पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए। एएसपी डा. चंद्र ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की। 

उन्होंने कहा कि दुकान में इस तरह से तोड़-फोड़ करना कानूनी रूप से गलत है। साथ ही अपनी बात को अपने जनप्रतिनिधि के सामने रखने को कहा। लेकिन महिलाएं नहीं मानी और दुकान हटाने की मांग पर अड़ी रहीं। बात ना सुनते देख एएसपी का पारा चढ़ गया। उन्होंने एसएसआइ को सभी महिलाओं की वीडियोग्राफी करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी पर मुकदमा करने की चेतावनी दी, लेकिन फिर भी महिलाएं नहीं हटीं। इस दौरान महिलाएं जेल में जाने के लिए आतुर दिखीं। इसके बाद सभी अधिकारी दुकान बंद कराकर वहां से चल दिए। इसके बाद महिलाएं दुकान न हटाने के विरोध में सड़क जाम करने के लिए चलीं। तो कोतवाल चंचल शर्मा ने उन्हें सड़क जाम ना करने की सख्त हिदायत दी। 

संयुक्त मजिस्ट्रेट को हंसता देख एक महिला ने अभद्र टिप्पणी कर दी। जिस पर संयुक्त मजिस्ट्रेट तोमर का पारा चढ़ गया। साथ ही उन्होंने महिला को हद में रहकर बात करने की चेतावनी दी। महिलाओं को शांत ना होते देख सभी अधिकारी वहां से चले गए। इसके बाद सभी महिलाएं एकत्र होकर ग्राम प्रधान निर्मलजीत कौर के घर पहुंच गईं। यहां उन्होंने धरना प्रदेशन करते हुए शराब की दुकान हटाने की मांग की। 

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