प्राचीन शिव मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

संवाद सहयोगी बाजपुर झारखंडी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में दूसरे दिन भी हजारों लोगों ने खास

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 12:03 AM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 12:03 AM (IST)
प्राचीन शिव मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
प्राचीन शिव मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

संवाद सहयोगी, बाजपुर : झारखंडी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में दूसरे दिन भी हजारों लोगों ने खास कर जनजाति परिवारों द्वारा जलाभिषेक किया। साथ ही सैकड़ों बच्चों का मुंडन कराया गया। इस दौरान मंदिर में लगा मेला आकर्षण का केंद्र रहा। श्रद्धालुओं ने प्राचीन सरोवर में स्नान भी किया।

इस मौके पर मंदिर के बाबा ओमकालपुरी के मार्ग दर्शन में जनजाति के लोगों द्वारा माघ माह से जारी व्रत को मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भोजन कर तोड़ा गया। मंदिर कमेटी पदाधिकारियों के अनुसार इस वर्ष 361 कांवड़ियों के अलावा करीब बीस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है। पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर व मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मेले में करीब पांच सौ दुकानें लगी थीं। इस मौके पर कमेटी अध्यक्ष कल्लू सिंह, हरीश कांडपाल, वीरेंद्र बिष्ट, डा.मोहन पांडेय, पूरन जोशी, कमल गोला, रमेश सिंह, हरीश दानू, शेर सिंह राठोर, हरीश जोशी, अमर सिंह, विजय, राजू धानिक, चंद्रबल्लभ, रमेश पांडेय, घनश्याम जोशी, सुभाष कांडपाल ,आदि मौजूद थे।

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स्काउड-गाइड के पुल के सहारे हनुमान टापू के दर्शन

बाजपुर : प्राचीन शिव मंदिर में स्काउड गाइड के पुल के सहारे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व श्रद्धालुओं ने प्राकृतिक सरोवर के मध्य टापू पर स्थापित श्रीहनुमान मंदिर के दर्शन किए। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के दर्शन तभी पूर्ण माने जाते हैं, जब टापू पर जाकर भी माथा टेका जाए। इसके अतिरिक्त जूतों को जमा करने, पुल आदि की व्यवस्था प्रगतिशील जूनियर हाई स्कूल की ओर से की गई थी।

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पंच पंडितों ने कराई विशेष पूजा

बाजपुर : प्राचीन शिव मंदिर में पूजा की विशेष व्यवस्था की गई थी जिसमें पंडित पूरन चंद जोशी, भास्कर दत्त भट्ट, श्याम दत्त जोशी , हरीश जोशी आदि द्वारा विधि-विधान से पूजा कराई गई जिसमें लगभग साठ बच्चों का मुंडन व जनेऊ संस्कार भी कराया गया। इस दौरान प्राचीन परम्परा के अनुसार जनजाति के लोगो द्वारा केले व वटवृक्ष के पत्तों में भोजन किया।

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