व्यापारियों को नहीं मना पाए एनएचआइ अधिकारी, हो सकता है टकराव

- एसडीएम की मध्यस्थता में हुई वार्ता विफल कल टोल प्लाजा पर धरना देंगे व्यापारी - बाईपास निम

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jul 2019 11:57 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 06:35 AM (IST)
व्यापारियों को नहीं मना पाए एनएचआइ अधिकारी, हो सकता है टकराव
व्यापारियों को नहीं मना पाए एनएचआइ अधिकारी, हो सकता है टकराव

- एसडीएम की मध्यस्थता में हुई वार्ता विफल, कल टोल प्लाजा पर धरना देंगे व्यापारी

- बाईपास निर्माण पूरा होने से पहले टोल का विरोध कर रहे व्यापारी

चित्र परिचय-15केटीएमपी 6

संवाद सहयोगी, खटीमा : सितारगंज-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। टोल वसूली का विरोध कर रहे व्यापारियों को समझाने में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचआइ के अधिकारी नाकाम रहे। इससे आक्रोशित व्यापारियों ने बुधवार को टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। इधर, व्यापारियों के ऐलान से टकराव की संभावना को देखते हुए प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहेनिया चौराहे के पास टोल प्लाजा बनाया गया है, जहां वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाता है। दीगर बात यह भी है कि पहेनिया चौराहे से कुटरी तक बाईपास निर्माण होना है, जो शुरू होने के साथ ही अधर में लटका है। ऐसे में व्यापारी बाईपास निर्माण पूरा हुए बगैर टोल वसूलने का विरोध कर रहे हैं। इसी गतिरोध के समाधान को लेकर सोमवार को तहसील सभागार में एसडीएम निर्मला बिष्ट की मध्यस्थता में एनएचआइ के जेई निशांत त्रिपाठी की व्यापारियों से वार्ता हुई। वरिष्ठ भाजपा नेता नवीन बोरा ने कहा कि बिना निर्माण पूरा हुए टोल वसूलना गलत है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं व्यापारियों ने पहेनिया से कुटरी तक राजमार्ग के निर्माण में खर्च की गई 21 करोड़ की धनराशि में भी बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया।

एनएचआइ अधिकारी व्यापारियों को संतुष्ट नहीं कर पाए। व्यापारियों ने बुधवार को टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस मौके पर एसएसआइ देवेंद्र गौरव, भाजपा नगर अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष अरुण सक्सेना, कामिल खान, मनोज बाधवा, अमन अरोड़ा, चौधरी सुदेश पाल सिंह व अरफात अंसारी आदि मौजूद थे।

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धरने पर बैठे व्यापारी

खटीमा : एनएचआइ अधिकारियों के समय से बैठक में न पहुंचने पर व्यापारी भड़क उठे। वे एनएचआइ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तहसील गेट के सामने धरने पर बैठ गए। एनएचआइ अधिकारियों के आने पर ही वह धरने से उठे।

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