पौधे करेंगे कल्याणी का कल्याण

रुद्रपुर में कल्याणी नदी की गंदगी की सफाई पौधे करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:08 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:08 AM (IST)
पौधे करेंगे कल्याणी का कल्याण
पौधे करेंगे कल्याणी का कल्याण

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कल्याणी नदी की गंदगी की सफाई पौधे करेंगे। इसके लिए पंत विवि के पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक डा.आरके श्रीवास्तव नगर निगम के साथ जुटे हैं। उन्होंने बायो एनर्जी देने वाले कुछ खास पौधों की सहायता से कल्याणी नदी को साफ करने की पहल शुरू की है।

टांडा जंगल से निकलने वाली कल्याणी नदी की एक समय पूजा होती थी जिसे जीवनदायिनी नदी कहा जाता था। सिडकुल व आबादी बढ़ने से नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया और नदी प्रदूषित हो गई। नगर निगम व सामाजिक संगठनों के साथ दैनिक जागरण नदी का अस्तित्व वापस लाने के लिए जुट गया है। हर सप्ताह सोमवार को नदी की सफाई की जाती है। नदी के किनारे अतिक्रमण भी हो गया है। सिडकुल की कुछ कंपनियों का प्रदूषित पानी नदी में छोड़ा जाता है। पर्यावरण विभाग की तरफ से बीते दिनों नगर निगम के अधिकारियों के साथ कल्याणी की सफाई को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें पर्यावरण वैज्ञानिक डा.आरके श्रीवास्तव ने बताया था कि नदी को साफ करने में प्रदूषण मुक्त करने में कुछ बायो एनर्जी डिस्चार्ज करने वाले पौधों का विशेष योगदान है। इसमें पापुलर, यूकेलिप्टस, कदंब व मिलिया के साथ ही फूलदार व सजावटी पौधों का प्रयोग प्रदूषित पानी को वैज्ञानिक विधि से विकसित सिचाई के माध्यम से शोधित किया जा रहा है। इस विधि से ग्रीनहाउस गैसों व कार्बन डाइआक्साइड को भी सोखा जा सकता है। इस विधि को सिक्वेस्ट्रेशन विधि कहा जाता है। यह विधि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरी उतरी है। पर्यावरण वैज्ञानिक ने बताया कि कल्याणी के उद्गम को लेकर पर्यावरण विभाग के शोध छात्र अध्ययन कर रहे हैं। गुरुवार को बेसलाइन डाटा एकत्र करने के लिए पर्यावरण वैज्ञानिक के निर्देश पर शोध छात्रा डा. प्राची जायसवाल, वंदना आर्या और सुल्तान जो कि नाइजीरिया निवासी हैं, कल्याणी नदी पर पहुंचे थे। उन्होंने पानी में प्रदूषण की स्थिति सहित उद्गम स्थल की खोज सहित दूसरी जरूरी चीजों को अपने अध्ययन में शामिल किया है, जिसकी रिपोर्ट वह जल्द पर्यावरण वैज्ञानिक को दी जाएगी।

chat bot
आपका साथी