सितारगंज में कच्चे आढ़तियों की मनमानी से किसान परेशान
सितारगंज में सुविधा की जगह कच्चे आढ़ती किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं।
सितारगंज : सुविधा की जगह कच्चे आढ़ती किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं। जहां मंडी में तीन दिन से किसान अपनी फसल को बेचने को लेकर दिन रात पहरेदारी कर रहा हैं। वहीं, सरकार द्वारा नामित कच्चे आढ़ती फसल को लेने में टाला मटोली कर रहे हैं। इसी को लेकर शनिवार को कच्चे आढ़तियों ने मंडी में तोल बंद कर दी। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं किसानों का कहना था कि आढ़तियों का मकसद किसानों को परेशान कर उनकी धान की फसल को मनमानी ढंग से खरीदना है। इसलिए आढ़ति रोजाना नए-नए हथकंडे अपना कर किसानों को परेशान कर रहे हैं। वहीं पूर्व विधायक नारायण पाल ने भी किसानों पर हो रहे अत्याचार को बंद नहीं किए जाने पर 19 अक्टूबर को 11 बजे से वरिष्ठ विपणन अधिकारी के कार्यालय समक्ष आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
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एसएमआइ ने आढ़तियों से 24 घंटों के अंदर मांगा जवाब
कच्चे आढ़तियों के द्वारा तौल बंद करने को लेकर वरिष्ठ विपणन अधिकारी ने कच्चे आढ़तियों से 24 घंटे के अंदर तौल बंद करने की वजह पूछी है। उन्होंने आढ़तियों को कारण बताओ नोटिस देते हुए पत्र में कहा कि रोजाना किसी न किसी वजह से आढ़तियों की ओर से फसल की खरीद प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। इससे किसानों को परेशानी होने के साथ ही मंडी की व्यवस्था भी खराब हो रही है। जिसको लेकर वरिष्ठ विपणन अधिकारी ने कच्चा आढ़तियों को पत्र के माध्यम से खरीद न करने की वजह का 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा। यदि कच्चा आढ़तियों की ओर से संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है तो उनके विरुद्ध नियमत: कठोर कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाएगी।
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अधिकारियों के आदेशों की भी उड़ाई धज्जियां
शनिवार को कच्चे आढ़तियों द्वारा तौल व्यवस्था को बंद करने से उत्पन्न हुई अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित की जाने को लेकर मंड़ी के अधिकारियों ने आढ़तियों को तौल शुरू करने के आदेश दिए। आढ़तियों ने अधिकारियों को दोपहर तीन बजे से तौल करने की बात कही। पर उसके बाद भी आढ़तियों ने तौल शुरू नहीं किया। सारे दिन किसान अपनी फसलों की तौल के इंतजार में खड़ा रह गया।
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कांटे पर तौल किए जाने के बावजूद मिलो पर पहुंचने पर कच्चे आढ़तियों द्वारा प्रति कुंतल दस किलो की कटौती की जा रही है। जिसकी वजह से एक ट्रॉली धान मैं करीब पांच हजार के आसपास का नुकसान झेलना पड़ा है।
- सेवाराम कुंवरपुर सिसैया
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- कच्चे आढ़ती अपनी मनमानी के अनुसार हमारी फसलों में कटौती कर रहे हैं। आढ़तियों द्वारा एक क्विंटल में 18 किलो तक की कटौती की जा रही है। हमें काफी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है ।
- गुरमेज सिंह निवासी ग्राम मलपुरी
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- चार दिनों से मंडी में धान तोल के लिए खड़े रहने के बावजूद अभी तक तौल नहीं हो पाया है। वहीं कच्चे आढ़तियों द्वारा धान में नमी नहीं होने पर भी कटौती करने की बात कह रहे है।
- मनवीर सिंह ग्राम भिटौरा