पहले भी सुर्खियों में रही 31वीं और 46वीं वाहिनी

पुलिस तो पुलिस, अब पीएसी भी चर्चाओं में रहने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 07:13 PM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 07:13 PM (IST)
पहले भी सुर्खियों में रही  31वीं और 46वीं वाहिनी
पहले भी सुर्खियों में रही 31वीं और 46वीं वाहिनी

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : पुलिस तो पुलिस, अब पीएसी भी चर्चाओं में रहने लगी है। वर्ष 2013 में 31वीं वाहिनी पीएसी में हुए विद्रोह के बाद एक बार फिर से 46वीं वाहिनी पीएसी भी ड्यूटी में तैनात सिपाही के संदिग्ध हालत में गोली लगने से सुर्खियों में है। हालांकि अभी कोई भी अधिकारी गोली लगने के कारणों के संबंध में कुछ भी कहने से बच रहा है।

7 सितंबर 2012 को अनुशासित माने जाने वाली 31वीं वाहिनी पीएसी फोर्स सड़कों पर उतर आई और अव्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था। इस दौरान अराजकता की सभी हदें पार कर दी गई। आक्रोशित पीएसी कर्मी किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। इसके लिए तत्कालीन डीएम बृजेश संत, एएसपी नीलेश आनंद भरणे, पीएसी 31वीं वाहिनी सेनानायक अजय रौतेला को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। शाम आठ बजे से शुरू हुआ यह हंगामा देर रात दो बजे तक चला था। तब यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इधर, एक बार फिर 31वीं वाहिनी से सटे 46वीं वाहिनी पीएसी में भी ड्यूटी में तैनात सिपाही अखिलेश जोशी को गोली लगने की घटना भी शहर में चर्चाओं में बनी है। लोग इस घटना के पीछे अलग अलग कारण बता रहे हैं। इंसेट-

संतरी पोस्ट की छत पर भी लगी गोली

बताया जा रहा है कि एसएलआर से चली गोली पहले सिपाही के पेट में लगी। इसके बाद पेट को भेदते हुए गोली संतरी पोस्ट की छत से टकराई। इससे छत पर करीब डेढ़ से दो इंच का छेद भी हो गया। इंसेट-

सेनानायक मीणा ने पीएसी कर्मी से जाना हाल

46वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक सुनील ¨सह मीणा देहरादून में वीआइपी ड्यूटी पर हैं तो इस वाहिनी का अतिरिक्त कार्यभार 31वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक मुख्तार मोहसिन के पास है। रविवार शाम को 46वीं वाहिनी पीएसी सेनानायक सुनील मीणा रुद्रपुर पहुंचे और जानकारी ली। इसके बाद वह अस्पताल पहुंचे और घायल पीएसी कर्मी के साथ ही परिजनों से मुलाकात की।

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