वेतन के लिए पर्यावरण मित्र ने बच्चों के साथ दिया धरना

ाटीमा में दो माह से वेतन न मिलने से गुस्साई पर्यावरण मित्र ने अपने दो बच्चों साथ धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 May 2020 09:36 PM (IST) Updated:Tue, 12 May 2020 06:20 AM (IST)
वेतन के लिए पर्यावरण मित्र ने बच्चों के साथ दिया धरना
वेतन के लिए पर्यावरण मित्र ने बच्चों के साथ दिया धरना

संवाद सहयोगी, खटीमा : दो माह से वेतन न मिलने से गुस्साई पर्यावरण मित्र ने अपने दो बच्चों साथ पालिका में धरना दिया। उसने कहा कि वेतन न मिलने से आर्थिक संकट गहरा गया है।

नगर पालिका में कार्यरत पर्यावरण मित्र जीत देवी सोमवार को अपने दो बच्चों के साथ पालिका कार्यालय में धरने पर बैठ गई। उसका कहना था कि उसके पति की बीमारी के चलते नौ अगस्त 2019 को मौत हो गई, जिसके बाद उसे पालिका बोर्ड ने नौकरी पर रख लिया था। वह फरवरी माह से पालिका में नियमित रूप से कार्य कर रही है। उसके बाद भी उसे दो माह से वेतन नहीं दिया गया है। इससे उसके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। उसने पालिका प्रशासन व पालिकाध्यक्ष राणा से जल्द वेतन देने की मांग की है। इधर सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष गौरव ने कहा कि जल्द ही पर्यावरण मित्र की समस्या का निदान न हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष सोनी राणा ने कहा कि महिला मृतक आश्रित है। इनकी नियुक्ति पालिका में नहीं हुई है। नियुक्ति के बाद ही वेतन मिलेगा। ईओ ने पत्रावली भेजी है। उस पर कार्रवाई की जा रही है।

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पालिकाध्यक्ष व पूर्व विधायक के खिलाफ दी तहरीर

संस, खटीमा : पर्यावरण मित्र ने पालिकाध्यक्ष व उनके पिता पूर्व विधायक पर पालिका में सफाई कर्मी के पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर 80-80 हजार रुपये लेने का आरोप लगा पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। वार्ड संख्या 18 की ग्रेस देवी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि नगर पालिका विस्तार के बाद पालिका में 166 पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति की गई थी। इसमें उसकी बहु रेखा देवी, पूनम देवी, लक्ष्मी देवी, बीना देवी, शगुन देवी व राजा को पर्यावरण मित्रों के पद पर नियुक्ति देने की एवज में 80-80 हजार सुविधा शुल्क लिया गया था। बाद में पालिका द्वारा सभी को हटा दिया गया। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष सोनी राणा एवं पूर्व विधायक राणा ने कहा कि पर्यावरण मित्र द्वारा लगाए गए आरोप झूठे व बेबुनियाद है। किसी भी कर्मी से नियुक्ति के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया गया है।

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