मुर्गी दाने से बन रही थी बर्फी... खूब चाव से खा रहे थे लोग, सामने आई सच्‍चाई तो लोगों ने मिठाई से कर ली तौबा

Uttarakhand News मुर्गी दाने से डोडा बर्फी तैयार की जा रही थी उसे बनते हुए कोई देख लें तो मिठाई खाने से भी तौबा कर ले। शहदौरा में बनी मिठाई ने ऊंची दुकानों पर मिलने वाली मिठाई की भी पोल खोल कर रख दी है।

By sandeep junejaEdited By: Publish:Sun, 29 Jan 2023 11:00 AM (IST) Updated:Sun, 29 Jan 2023 11:00 AM (IST)
मुर्गी दाने से बन रही थी बर्फी... खूब चाव से खा रहे थे लोग, सामने आई सच्‍चाई तो लोगों ने मिठाई से कर ली तौबा
Uttarakhand News: शहदौरा में बनी मिठाई ने ऊंची दुकानों पर मिलने वाली मिठाई की भी पोल खोल कर रख दी।

संदीप जुनेजा, किच्छा : Uttarakhand News: एक तरफ गोशाला लगातार कम होती जा रही है, बावजूद इसके दूध से जुड़े उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।

गली-मोहल्लों में खुल रही डेरी प्रोडक्ट की कुछ दुकानों के संचालक जाने-अन्जाने नकली माल बेच रहे हैं। कुछ तो मुर्गी दाने से बनी डोडा बर्फी और घटिया मिल्क पाउडर से बने मिल्क केक तक बेच रहे हैं।

ऊंची दुकानों पर मिलने वाली मिठाई की भी पोल खुली

शहदौरा में बनी मिठाई ने ऊंची दुकानों पर मिलने वाली मिठाई की भी पोल खोल कर रख दी है। शहदौरा में जिस तरह मुर्गी दाने से डोडा बर्फी तैयार की जा रही थी, उसे बनते हुए कोई देख लें तो मिठाई खाने से भी तौबा कर ले। बावजूद इसके वहां पर पिछले नौ वर्षों से मिठाई तैयार कर नामी मिठाई की ब्रांडेड दुकानों पर बिक रही थी।

यह काम सिर्फ शहदौरा में ही नहीं ऊधमसिंह नगर जनपद के अन्य कई क्षेत्रों में चलने की प्रबल आशंका है। इस पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस योजना खाद्य विभाग के पास नहीं है। खाद्य विभाग के अधिकारियों की तत्परता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलभट्टा पुलिस की ओर से बरामद मिठाई का सैंपल भरने के 24 घंटे के बाद पहुंचते हैं।

इतना ही नहीं, विभाग स्टाफ व संसाधन के अभाव का रोना रोता रहता है। नकली मिठाई बनाने वाले भी सरकारी तंत्र को अच्छी तरह समझते हैं। यही कारण है कि मिलावट का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसा ही सब कुछ शहदौरा में छापेमारी के दौरान देखने को साफ दिखाई दिया। जहां धीमा जहर लोगों को खिलाने की तैयारी की जा रही थी।

कार से लोकल तो पहाड़ पर बस से होती थी सप्लाई

बरामद मिठाई की मार्केटिंग योजनाबद्ध तरीके से की जा रही थी। बरामद मिठाई को रुद्रपुर, किच्छा, ट्रांजिट कैंप, सितारगंज व हल्द्वानी तक संचालक की कार द्वारा पहुंचाया जाता था। जबकि अल्मोड़ा व आगे के पर्वतीय क्षेत्र तक मिठाई पहुंचाने के लिए बसों का सहारा लिया जाता है।

जांच के लिए सैंपल पुलिस अलग से भेजेगी

मिलावटी मिठाई बनाने वालों के लिए पुलिस ने भी पुख्ता व्यवस्था की है। एक सैंपल भर कर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी की ओर से रुद्रपुर स्थित फूड लैब में जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस द्वारा भी सैंपल लिया गया है। पुलिस उसको अलग लैब में जांच के लिए भेजेगी। जिससे किसी तरह के शक की कोई गुंजाइश न हो और शक के बिनाह पर मिलावटी मिठाई का कारोबार करने वाले बच न सके।

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