रुद्रपुर बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक सस्पेंड

रुद्रपुर : जिला जज के आदेश पर भी राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक ने एक अपराधी को गृह मे

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 12:10 AM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 12:10 AM (IST)
रुद्रपुर बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक सस्पेंड

रुद्रपुर : जिला जज के आदेश पर भी राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक ने एक अपराधी को गृह में रखा था। जिला जज के आदेश पर एडीएम नजूल ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई। इस आधार पर निदेशक समाज कल्याण ने प्रभारी अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है।

रुद्रपुर-किच्छा रोड स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह है। इसमें नाबालिग बाल अपराधियों को रखा जाता है। नवंबर 2009 में संगठित गिरोह के अपराध में पुलिस ने बाजपुर निवासी बालिग कुलवंत सिंह को गिरफ्तार कर रुद्रपुर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। यह मामला जिला जज के कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने कुलवंत को बालिग करार देते हुए उसे हल्द्वानी जेल भेजने के लिए गृह प्रभारी अधीक्षक शंकर लाल को आदेश दिया। आदेश के बावजूद शंकर लाल ने कुलवंत को हल्द्वानी नहीं भेजा और संप्रेक्षण गृह में ही रखे रहे। शिकायत की गई कि आदेश के बाद भी कुलवंत को हल्द्वानी नहीं भेजा गया। इस पर कोर्ट ने मामले की जांच का जिम्मा एडीएम नजूल आशीष भटगई को सौंपा। जांच में शिकायत सही पाई और उन्होंने जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी। इसके बाद समाज कल्याण निदेशक वीएस धानिक ने मंगलवार को प्रभारी जेल अधीक्षक शंकर लाल को निलंबित कर जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय से संबद्ध करने के आदेश दिए।

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जिला जज ने एक बालिग अपराधी को हल्द्वानी जेल भेजने का आदेश दिया था। इसके बावजूद राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह प्रभारी अधीक्षक शंकर लाल ने बालिग को हल्द्वानी जेल नहीं भेजा। इस मामले की जांच एडीएम कर रहे थे। हो सकता है कि इस मामले में प्रभारी अधीक्षक को निलंबित किया गया हो, मगर इस संबंध में उनके पास कोई निलंबन का आदेश पत्र नहीं प्राप्त हुआ है।

-- अनुराध शंखधर, जिला समाज कल्याण अधिकारी, यूएसनगर

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मामले की जांच जिला जज ने सौंपी थी। जांच में एक बालिग अपराधी को बाल संप्रेक्षण गृह में रखा पाया गया, जो गलत है। बालिग अपराधी को बाल संप्रेक्षण गृह में नहीं रखा जा सकता है। जांच रिपोर्ट एक माह पहले जिला जज को सौंप दी गई थी।

-- आशीष भटगई, एडीएम नजूल, यूएस नगर

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सीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद भी बालिग अपराधी को प्रभारी जेल अधीक्षक शंकर लाल ने हल्द्वानी जेल में नहीं भेजा। कोर्ट के आदेश की अवहेलना व लापरवाही में शंकर लाल को निलंबित कर दिया गया है।

-- वीएस धानिक, निदेशक, समाज कल्याण, हल्द्वानी

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