14.5 फीसद जनता को भरपेट पौष्टिक अन्न नसीब नहीं

संवाद सहयोगी पंतनगर देश में भूख और कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी है कि सभी को भ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 11:46 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 06:13 AM (IST)
14.5 फीसद जनता को भरपेट पौष्टिक अन्न नसीब नहीं
14.5 फीसद जनता को भरपेट पौष्टिक अन्न नसीब नहीं

संवाद सहयोगी, पंतनगर : देश में भूख और कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी है कि सभी को भरपेट पौष्टिक भोजन मिले। यह बात यहां कृषि महाविद्यालय के कार्यवाहक अधिष्ठाता डॉ. एचएस चावला ने कही। वह जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थित कृषि महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन बतौर मुख्य अतिथि अपना संबोधन दे रहे थे। खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग यहां खाद्य प्रसंस्करण एवं खाद्य विज्ञान शिक्षा में उभरते मुद्दे विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करा रहा है।

डॉ. चावला ने कहा कि देश में खाद्यान्न का उत्पादन तो पर्याप्त हो रहा है, लेकिन क्रय शक्ति घट जाने से लोग स्वास्थ्यव‌र्द्धक एवं सुरक्षित भोजन पर्याप्त मात्रा में नहीं ले पा रहे हैं। देश की 14.5 फीसद जनता को भरपेट पौष्टिक भोजन नहीं मिल पता है। देश खाद्यान्न, दूध और अंडे के उत्पादन में कई देशों से आगे है, लेकिन 2018 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 219 देशों के बीच भारत का स्थान 103वां है। देश के लाखों बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। खाद्य प्रसंस्करण की तकनीकों से भोजन की गुणवत्ता बढ़ाई जानी चाहिए। किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब मूल्य मिलना चाहिए। लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाई जानी चाहिए। ताकि वे स्वास्थ्यव‌र्द्धक, गुणवत्तायुक्त एवं सुरक्षित भोजन ले सकें। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सलिल तिवारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2030 तक सभी देशों को भूख और कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। विभागाध्यक्ष डॉ. सीएस चोपड़ा, प्राध्यापक डॉ. एके शर्मा तथा प्राध्यापक डॉ. अर्चना कुशवाहा ने कहा कि कुपोषण दूर करने के लिए किसानों तथा आम जनता को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. विपुल कुमार गुप्ता तथा डॉ. एसके शर्मा ने भी खाद्य प्रसंस्करण एवं खाद्य विज्ञान संबधी व्याख्यान दिए। आयोजन में तरू नेगी एवं नेहा रावत ने योगदान दिया। सिडकुल स्थित खाद्य उद्योग परफेटी वानमिले के प्रबंध निर्देशक संतोष कुमार, विवि के वैज्ञानिक, शिक्षक तथा विद्यार्थी मौजूद रहे। इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा पोस्टर प्रतियोगिता, आदर्श वाक्य प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं भी हुईं।

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