झील ने छीनी रामगांव झुल्क के लोगों की नींद
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: टिहरी झील भले ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हो, लेकिन झील किनारे बसा रामगांव झुल्क इससे परेशान है। झील का का जलस्तर बढ़ने के कारण गांव में भूस्खलन शुरू हो जाता है जिससे मकानों में दरारें पड़ गई है। पिछले डेढ़ सालों में भूस्खलन के कारण गांवों के बीस मकानों में दरारें पड़ चुकी है। दूसरी ओर कोई विकल्प न होने के कारण ग्रामीण मजबूरन इन मकानों में रह रहे हैं।
विकासखंड थौलधार के इस गांव में 22 परिवार खतरे की जद में हैं। बांध के कारण डेढ़ साल पूर्व हुए भूस्खलन से गांव के अब तक बीस से अधिक मकानों में दरारें पड़ गई है। पिछली बारिश के दौरान हुए भूस्खलन से तो गांव के दो मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही जमीन व आंगन में पड़ी दरारें भी चौड़ी होती जा रही है। बरसात के समय में तो ग्रामीणों की रात की नींद गायब हो जाती है। इस संबंध में ग्रामीणों ने सीएम व विधायक से भी गुहार लगाई है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
प्रभावित विनोद सिंह का कहना है कि झील के कारण हो रहे भूस्खलन से उनके मकान में काफी दरारें आ गई हैं, मकान अब रहने लायक नहीं बचा है। वहीं अनीता देवी का कहना है कि उन्हें मजबूरी में मकान में रहना पड़ रहा है।
गांव के समीप तोक में वन पंचायत की कुछ जमीन हैं जो समतल व सुरक्षित है। ग्रामीणों को फिलहाल उस जगह पर बसाया जा सकता है। साथ ही ग्रामीणों के क्षतिग्रस्त भवनों को उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।
कुलदीप पंवार
कनिष्ठ उप प्रमुख थौलधार