पहाड़ की एक और बेटी बनी मशरूम गर्ल
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: पहाड़ों में गिनी-चुनी लड़कियां ही पढ़-लिखकर स्वरोजगार का हौ
संवाद सहयोगी, नई टिहरी:
पहाड़ों में गिनी-चुनी लड़कियां ही पढ़-लिखकर स्वरोजगार का हौसला करती हैं। ज्यादातर महिलाएं अचार और मोमबत्ती जैसे कामों से जुड़कर किसी तरह रोजी-रोटी कमाती हैं। इस मामले में मशरूम गर्ल दिव्या ने अपने बूते मशरूम की खेती से लाखों रुपये कमाकर पहाड़ की बेटियों का माथा अवश्य गर्व से ऊंचा किया। अब पहाड़ की एक और बेटी मोनिका पंवार इंजीनिय¨रग की पढ़ाई के बाद दिव्या की राह पर चल पड़ी हैं। एक साल पहले मोनिका ने मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया और आज वह कुछ और महिलाओं को रोजगार देकर अन्य बेटियों के लिए भी मिसाल बनी हुई हैं।
मोनिका पंवार मूल रूप से जौनपुर के थान गांव की रहने वाली हैं। वह काफी साल से परिवार के साथ चंबा में रहती हैं। मोनिका ने वर्ष 2010 में कार्मल स्कूल चंबा से हाईस्कूल किया और उसके बाद 2012 में ऑल सेंट कालेज नई टिहरी से इंटरमीडिएट किया। इसके बाद वर्ष 2012 से 2016 तक कालेज ऑफ इंजीनिय¨रग रुड़की से मैकेनिकल इंजीनिय¨रग की पढ़ाई की। इसके बाद एक साल तक देहरादून में टाइम इंस्टीट्यूट में मैनेजर के पद पर कार्य किया। मोनिका का कहना है कि बचपन से ही उसे खेती का शौक था और खाली समय में वह खेतों में काम करती थी, जो उसे अच्छा लगता था। मोनिका ने सोचा कि टेक्नोलाजी को यदि खेतों से जोड़ा जाए तो इसका फायदा होगा और उसके बाद उसने इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया। पिछले साल अप्रैल माह में मोनिका ने नागणी क्षेत्र में इसकी शुरूआत की, क्योंकि यहां पर खेती-पानी आदि की सुविधा है। आज वह मशरूम का अच्छा उत्पादन रही और और सीजन में करीब डेढ़ लाख तक की कमाई हो जाती है। मोनिका ने गांव की छह-सात महिलाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें भी रोजगार मुहैया कराया है। यही नहीं वह गांव की अन्य महिलाओं को भी इसका प्रशिक्षण देकर उन्हें इस ओर प्रेरित करती है।
मशरूम उत्पादन का लिया प्रशिक्षण
मोनिका ने पहले सोलन (हिमाचल) और मशरूम डिपार्टमेंट देहरादून में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने इसका उत्पादन शुरू किया। वर्तमान में वह एक दिन में करीब 80 किलों मशरूम का उत्पादन करती हैं। अपने उत्पाद को वह पहाड़ में ही नई टिहरी, उत्तरकाशी, जाखणीधार, घनसाली आदि मंडियों में पहुंचाती है। माताजी चलाती हैं दुकान
मोनिका के घर वालों का चंबा में अपना व्यवसाय है। मोनिका के पिता का वर्ष 2014 में निधन हो गया था। इसके बाद अब उनकी माता दुकान चलाती हैं। वह चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की है। उनके परिवार का वर्ष 1983 से चंबा में व्यवसाय चल रहा है। - मोनिका ने नई सोच के साथ मशरूम उत्पादन का कार्य किया है और कुछ ग्रामीण महिलाओं को भी इसमें जोड़कर उन्हें भी रोजगार मुहैया कराया जा रहा है, जिससे गांव की महिलाएं जागरूक हो रही हैं।
बाला देवी, ग्राम पलास - मोनिका अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनी है। इंजीनियर की पढ़ाई करने के बावजूद उन्होंने मशरूम उत्पादन को तवज्जो दी है।
सविता देवी, ग्राम पलास फोटो 28एनडब्ल्यूटीपी 5
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